भागलपुरः बिहार के भागलपुर में एक बार फिर से कोसी नदी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. अब नवगछिया के खरीक प्रखंड अंतर्गत मैरचा गांव में भीषण कटाव हो रहा है. यहां 2 दर्जन से अधिक मकान कोसी में समा चुके हैं. अब आलम यह है कि जिस बच्चों के लिए मां बाप ने कर्ज लेकर घर बनाया था. आज वह बच्चा भी घर तोड़ने को विवश है ताकि ईंट बचा सके. छोटे-छोटे बच्चें भूख से बिलख रहे हैं. लेकिन इनके हालातों की फिक्र किसी को भी नहीं है. 


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घर के घर हुए कोसी नदी में विलीन 
इस गांव के कई घरों को कोसी नदी ने पिछले वर्ष भी अपने आगोश में समा लिया था. मगर इस बात से वाकिफ जिला प्रशासन और सरकार ने कटाव रोधी कार्य शुरू नहीं कराया. लिहाजा घर के घर कोसी नदी में विलीन हो रहे हैं. किसी ने अपना घर इंदिरा आवास योजना तो किसी ने मजदूरी कर या कर्ज लेकर बनाया था. हालात अब ऐसे हैं कि कर्ज भी चुका पाना चुनौती बन गई है. 


सर पर मंडरा रहा खतरा 
यहां के लोगों पर मानों चारों ओर से आफत आन पड़ी हो. जनप्रतिनिधि भी आकर बस हवा हवाई आश्वासन देकर चले जाते हैं. कटाव पीड़ितों ने बताया कि पिछले वर्ष भी कई घर कटकर कोसी में चले गए. इस बार भी घर गिर रहे हैं. रात में तेजी से कटाव होता है. डर के साये में रात गुजरती है. कर्ज लेकर घर बनाया था. उसे चुकाने पर भी समस्या है. खाने को कुछ भी नहीं मिल रहा है. विधायक आए तो आश्वासन देकर चले गए लेकिन कोई काम शुरू नहीं हो सका.


बढ़ता जल स्तर बना चिंता का विषय 
वहीं बेगूसराय मे गंगा का ज्यों-ज्यों जलस्तर बढ़ रही है. त्यों-त्यों लोग भयभीत हो रहे है. तेघरा प्रखंड के आधार पुर पंचायत के अजेगर बोर तोर मे गंगा नदी की मुख्य धार और बाया नदी के संगम स्थल पर कटाव जोर पर होने से लोगो के बीच चिन्ता का विषय बना हुआ है. बताते चले की अजेगर बोर तोर स्थित गंगा नदी की धार मे गुरेट (भवर) ज्यादा होने के कारण कटाव भी तेजी से हो रही. जानकारी के मुताबिक जमींदारी बांध के कट जाने से कई गांव बाढ़ की चपेट मे आ जाएंगे. वहीं गुप्ता निपनिया बांध पर भी संकट मंडराने लगा है. जिससे अनुमंडल मुख्यालय सहित औद्योगिक क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट मे आ जाएंगे. 


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