बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू, विपक्ष के निशाने पर सरकार
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बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू, विपक्ष के निशाने पर सरकार

बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में पहले ही दिन चमकी बुखार से बच्चों की मौत का मुद्दा गरमाया रहा.

बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो गया. (फाइल फोटो)

पटनाः बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ, वैसे तो पहले दिन कुछ विधायी कार्यों के साथ उन सदस्यों के प्रति शोक जताकर कार्यवाही समाप्त होनी थी, जिनका निधन पिछले सत्र के बाद से अब तक हुआ है, लेकिन विधानसभा में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (एईएस) से मौतों का मुद्दा छाया रहा. कार्यवाही शुरू होने से पहले वामदल और कांग्रेस के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का इस्तीफा मांगा. सदन शुरू हुआ, तो विपक्षी सदस्यों ने चमकी बुखार का मुद्दा उठाया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने उसे खारिज कर दिया.

बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र 26 जुलाई तक चलना है, सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी सदन में पहुंचे, लेकिन लगभग महीने भर से पटना नहीं लौटे नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने नहीं पहुंचे, जिसको लेकर सत्तापक्ष के सदस्यों की ओर से सवाल भी उठाये गये.सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो उन सदस्यों का नाम विधानसभा अध्यक्ष की ओर से लिया गया, जो लोकसभा सदस्य के रूप में चुने गये हैं. बिहार से ऐसे सदस्यों की संख्या पांच है, जिनमें कांग्रेस विधायक मोहम्मद जावेद, जदयू विधायक कविता सिंह, नरेंद्र नारायण यादव, अजय कुमार मंडल और गिरधारी यादव शामिल हैं.

विधानसभा की कार्यवाही के लिए विभिन्न समितियों का गठन विधानसभा अध्यक्ष की ओर से किया गया और इसके बाद उन सदस्यों के लिए शोक प्रस्ताव पढ़ा गया, जिनका निधन पिछले सत्र से बाद से अब तक में हुआ है, इसके बाद एक मिनट का मौन रखा गया और सदन की कार्यवाही एक जुलाई को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. अब सोमवार को जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी, तब मुजफ्फरपुर में फैले बुखार को लेकर फिर से हंगामा देखने को मिलेगा. विपक्ष स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का इस्तीफा मांग रहा है. 

तेजस्वी के सवाल पर भड़कीं राबड़ी देवी
विधान मंडल की कार्यवाही में भाग लेने के लिए पहुंची पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से जब तेजस्वी यादव को लेकर सवाल किया गया, तो वो भड़क गयीं और कहने लगीं...तेजस्वी यादव आपके घर में हैं. पत्रकारों की ओर से तेजस्वी कहां हैं, ये सवाल किया गया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री को सवाल नागवार गुजरा और उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद विधान परिषद के अंदर चली गयीं. 

बीमार हैं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव के बारे में सवाल किये जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भले ही भड़क गयीं, लेकिन उनके दल के विधायक भाई बीरेंद्र बचाव में आये और उन्होंने कहा कि राजद में केवल तेजस्वी यादव ही नेता नहीं हैं. उनके अलावा विधायक दल के उपनेता और मुख्य सचेतक सदन में मौजूद हैं. इसके आलावा पार्टी में अन्य कई नेता हैं, तो जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे. रही बात तेजस्वी यादव की, तो वो बीमार हैं और जल्दी ही सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए उपस्थित होंगे. 

विधानसभा आये तेज प्रताप, सदन में नहीं गये
मॉनसून सत्र के पहले दिन 10.58 बजे लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप विधानसभा पहुंचे, उनकी गाड़ी पोर्टिको में रुकी और वो तेजी से विधानसभा के अंदर चले गये. सबसे पहले तेज प्रताप विधायक लॉबी में गये. कुछ देर तक वहां रहे, इस दौरान विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गयी, लेकिन तेज प्रताप सदन में नहीं गये. कुछ पत्रकार जब विधायक लॉबी में पहुंचे, तो तेज प्रताप वहां से निकल कर विधानसभा के पहले तल्ले पर बने नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव के चेंबर में पहुंच गये. वहां कुछ देर तक बैठे रहे, लेकिन इस बीच एक पत्रकार वहां भी पहुंच गया, तो तेज प्रताप तेजस्वी यादव के चेंबर से भी निकल गये और लॉबी के जरिये विधान परिषद में चले गये, जहां स वो अपनी मां राबड़ी देवी के साथ आवास के लिए रवाना हो गये. तेज प्रताप के सदन में नहीं जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. भाजपा नेता और विधायक नितिन नवीन का कहना है कि ये तेज प्रताप की संवेदनशीलता को दर्शाता है. 

प्रदर्शन कर मांगा स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा
मॉनसून सत्र के पहले दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सीपीआई एमएल और कांग्रेस के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया. दोनों दलों के विधायकों ने विधानसभा परिसर में तख्तियों के साथ नारेबाजी की. तख्तियों में मुजफ्फरपुर में फैले चमकी बुखार के स्लोगन लिखे थे और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का इस्तीफा मांगा गया था. सीपीआई एमएल विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिये. अगर वो इस्तीफा नहीं देते हैं, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिये. वहीं, कांग्रेस विधायकों ने भी मंत्री के इस्तीफे की मांग की और कहा कि जिन बच्चों की मौत हुई है, उनके परिजनों के सरकार नौकरी दे. साथ ही 10 लाख का मुआवजा दे. 

राजद की ओर से नहीं हुआ प्रदर्शन 
नेता विरोधी दल के सदन में नहीं होने का असर राजद पर दिखा. पहले दिन उसके सदस्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए विधानसभा परिसर में नहीं आये, जबकि वो लोग चमकी बुखार मामले पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का इस्तीफा मांग रहे थे. इस संबंध में जब राजद विधायक सर्वजीत से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि भले ही हम लोगों ने आज प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम सरकार से जवाब नहीं मांग रहे हैं. हम सोमवार से पूरे तौर पर सरकार को घेरेंगे और मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के मुद्दे पर जवाब मांगेंगे.