Patna: बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच सरकार संक्रमण से बचाव को लेकर तमाम तरह की एहतियात बरत रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना वायरस को लेकर लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर संक्रमण पर जीत की तैयारी कर रहे हैं. 


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इस बीच रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की है. अब सरकार के इस फैसले पर विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष भी सवाल उठा रहा है. 


चीन की चर्चा क्यों नहीं
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल (Sanjay Jaisawal) ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा है. उस पोस्ट में उन्होंने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं. संजय जायसवाल ने लिखा है कि 'आज पूरा विश्व कोरोना की चर्चा कर रहा है पर चीन देश की चर्चा कोई नहीं कर रहा. पूरे विश्व को विनाश के गर्त में डालने वाला चीन आज कहीं चर्चा में नहीं है.'


आज पूरा विश्व करोना की चर्चा कर रहा है पर चीन देश की चर्चा कोई नहीं कर रहा । पूरे विश्व को विनाश के गर्त में डालने...

Posted by Sanjay Jaiswal on Sunday, 18 April 2021

चाइनीस नाम से वायरस की हो पहचान


उन्होंने कहा, 'चिकित्सकों से लेकर आम आदमी तक मे इस बात की चर्चा हो रही है कि यूके स्ट्रेन, ब्राजील स्ट्रेन, न्यूयॉर्क स्ट्रेन, अफ्रीका स्ट्रेन जैसे न्यू म्यूटेंट वायरस चल रहे हैं पर चाइनीस कोरोना वायरस (Chinese Coronavirus) की चर्चा कहीं नहीं है, जिसने पूरे विश्व को बर्बाद कर दिया. पूरे विश्व को चाइना का विरोध करना चाहिए. जब हम विभिन्न देशों पर म्युटेंट् स्ट्रेन का नाम रख सकते हैं तो हर हालत में हमें चाइनीस कोरोना वायरस नाम से ही इस बीमारी की पहचान करनी चाहिए.'


नाइट कर्फ्यू पर उठाए सवाल
संजय जायसवाल ने आगे लिखा कि 'आज बिहार सरकार ने बहुत सारे फैसले लिए हैं जो आज की परिस्थिति में बहुत अनिवार्य हैं. मैं कोई  विशेषज्ञ तो नहीं हूं फिर भी सभी अच्छे निर्णयों में इस एक निर्णय को समझने में असमर्थ हूं कि रात का कर्फ्यू लगाने से कोरोना वायरस का प्रसार कैसे बंद होगा. अगर कोरोना वायरस के प्रसार को वाकई रोकना है तो हमें हर हालत में शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक की बंदी करनी ही होगी.'


महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ जैसी होगी स्थिति
बीजेपी नेता ने लिखा, 'घरों में बंद इन 62 घंटों में लोगों को अपनी बीमारी का पता चल सकेगा और उनके बाहर नहीं निकलने के कारण बीमारी के प्रसार को रोकने में कुछ मदद अवश्य मिलेगी. वैसे कोरोना प्रसार रोकने की महाराष्ट्र में सर्वोत्तम स्थिति यही रहती कि 4 दिन रोजगार और 3 दिन की बंदी. बिहार में अभी इसकी जरूरत नहीं है पर अगर हम हफ्ते में 2 दिन कड़ाई से कर्फ्यू नहीं लगा पाए तो हमारी स्थिति भी महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसी हो सकती है.'