बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षाः अधर में लटका 16 छात्राओं का भविष्य
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बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षाः अधर में लटका 16 छात्राओं का भविष्य

 नवादा जिले के रजौली में 16 छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है. यहां 16 छात्रों को मैट्रिक परीक्षा से वंचित कर दिया गया है.

नवादा में 16 छात्राओं को मैट्रिक परीक्षा नहीं देने दिया गया.

नवादाः बिहार में बोर्ड द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा शुरू हो गई है. बिहार बोर्ड द्वारा दावा किया गया था कि परीक्षा में किसी भी छात्रों को परेशानी नहीं होगी. वहीं, परीक्षा के लिए पूरी व्यवस्था पूरी हो चुकी है. लेकिन नवादा जिले के रजौली में 16 छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है. यहां 16 छात्रों को मैट्रिक परीक्षा से वंचित कर दिया गया है.

दरअसल, रजौली के मथुरासिनी इंटर कॉलेज में संचालित हो रहे मैट्रिक परीक्षा में पहले दिन 16 छात्राओं को परीक्षा देने से वंचिक कर दिया गया. परीक्षा केंद्र पर केंद्र अधीक्षक के द्वारा परीक्षा नहीं देने की अनुमति दी गई. बताया जा रहा है कि छात्राओं के एडमिट कार्ड में महज 2 विषय के बारे में ही अंकित किया गया है. इस वजह से उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई.

वहीं, छात्राओं ने आरोप लगाया है कि कन्या उच्च विद्यालय लौन्द के प्राचार्य की गलतियों की वजह से उन्हें परीक्षा देने से वंचित किया गया. उनका कहना है कि प्रचार्य की वजह से उनके एडमिट कार्ड पर सभी विषयों का कोड अंकित नहीं हो पाया है. छात्राओं का कहना है कि उन्होंने सभी जानकारियां भर कर दे दी थी. लेकिन डमी एडमिट कार्ड में संशोधन नहीं किए जाने की वजह से ऐसा हुआ है.

छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्राचार्य की एक गलती की वजह से उनका भविष्य खराब हो गया है. उन्हें परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया है.

इस घटना की जानकारी मिलने पर रजौली एसडीएम परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर छात्राओं को समझाने बुझाने का प्रयास किया. साथ ही उन्होंने यह आश्वासन दिया की बोर्ड की तरफ से जो आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा.

आपको बतादें कि बोर्ड के द्वारा इस साल एक नई व्यवस्था की गई थी, जिसमें परीक्षा के पहले एडमिट कार्ड में सुधार के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर एक डमी एडमिट कार्ड अपलोड किया गया था. जिसमें त्रुटि वाले एडमिट कार्ड में संशोधन किया जाना था. लेकिन इन छात्राओं के एडमिट कार्ड में संशोधन नहीं होने की वजह से त्रुटि पाई गई. अब देखना होगा इन 16 छात्राओं का बोर्ड ऑफिस की ओर से क्या फैसला आता है.

(इनपुटः यशवंत)