पटना में बिहार के डीजीपी के.एस द्विवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और साथ ही इस केस से जुडी कई अह्म जानकारी भी दी.
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पटना: बिहार में मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में आज पटना में बिहार के डीजीपी के.एस द्विवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और साथ ही इस केस से जुडी कई अह्म जानकारी भी दी. उन्होंने इस मामले में बताया कि 11 अभियुक्तों के खिलाफ सच्चाई पाई गई है और 11 में से 10 अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
कौन हैं अभियुक्त
इन 11 अभियुक्तों में ब्रजेश ठाकुर - संचालक, इंदु कुमारी - आवास अधिक्षक, मंजू देवी- काउंसलर, चंदा देवी - गृह माता, किरण कुमारी - हेल्पर, नेहा कुमारी - नर्स, हेमा मसीह - प्रोबेशन पदाधिकारी, मीनू देवी - गृह माता, विकास कुमार-काउंसलर, दिलीप वर्मा - अध्यक्ष, बाल विकास समिति है.
दिलीप वर्मा फरार
दिलीप वर्मा को छोड़कर सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है, दिलीप वर्मा के खिलाफ भी पुलिस ने इश्तेहार निकाला है और एक महीने के अंदर अरेस्ट नहीं किए जाने पर कुर्की जब्ती का आदेश भी दिया है. डीजीपी ने संस्था के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि संस्था नवंबर 2013 में शुरू की गई थी.
5 साल में आईं 471 लड़कियां
शुरू किए जाने के बाद यहां के रिकॉर्ड मुताबिक 471 लड़कियां आईं. संस्था के रिकॉर्ड के अनुसार 4 लड़कियां फरार भी हुईं है जिसका सत्यापन करना अभी बाकी है. इनमें से 3 लड़कियां मृत भी थी. तीन में से 3 की मृत्यु अस्पताल में 2017 में हुई और एक मृत्यु 2015 में हुईं.
गायब लड़की का चला पता
वहीं, गायब लड़कियों की बात करें तो केवल एक लड़की के गायब होने की सूचना मिली है. उस लड़की के बारे में पता किया गया तो पता चला कि उसकी शादी मुजफ्फरपुर में हुई है और अपने ससुराल में है. साथ ही गया, मुंगेर, भागलपुर और मोतिहारी में किसी तरह की गंभीर शिकायत नहीं आई है. लेकिन वहां भी जांच चल रही है.
मोकामा में हुईं शिफ्ट
फिलहाल सभी लड़कियों को वेकैंसी के अनुसार मोकामा और बाकी जगहों पर भेजा गया है जहां मनोचिकित्सतक, परामर्शी, काउंसलर के देखरेख में उनकी जांच चल रही है. साथ ही डीजीपी ने इस बात की भी जानकारी दी कि मुजफ्फरपुर में बालिका गृह की खुदाई भी की गई लेकिन जांच में कुछ भी नहीं मिला है. वहां की मिट्टी को एफएसएल में जांच में भेजा गया है.
हुआ था खुलासा
आपको बता दें कि मुंबई की संस्था टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज (TISS) की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था. इस मामले 21 लड़कियों की मेडिकल रिपोर्ट भी आ चुकी है जिसमें यौन शोषण की पुष्टि हुई है.