बिहार: होमगार्ड्स का जेल भरो अभियान, दस हजार हिरासत में
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बिहार: होमगार्ड्स का जेल भरो अभियान, दस हजार हिरासत में

बिहार में हड़ताली होमगार्ड्स और सरकार के बीच गतिरोध के बीच गुरुवार को होमगार्ड्स के ‘जेल भरो अभियान’ के दौरान दस हजार से अधिक जवानों को हिरासत में ले लिया गया और कल के उनके ‘चक्का जाम’ आंदोलन के दौरान एक एंबुलेंस को रास्ता न मिलने से दो मरीजों की मौत के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई।

पटना : बिहार में हड़ताली होमगार्ड्स और सरकार के बीच गतिरोध के बीच गुरुवार को होमगार्ड्स के ‘जेल भरो अभियान’ के दौरान दस हजार से अधिक जवानों को हिरासत में ले लिया गया और कल के उनके ‘चक्का जाम’ आंदोलन के दौरान एक एंबुलेंस को रास्ता न मिलने से दो मरीजों की मौत के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई।

गृह रक्षा वाहिनी और अग्शिमन सेवा के महानिदेशक पीएन राय ने बताया कि होमगार्ड जवानों के ‘जेल भरो अभियान’ के दौरान आज पूरे प्रदेश में 10213 जवान हिरासत में लिए गए। बिहार में 53 हजार होमगार्ड जवान अपने दैनिक भत्ते और सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर गत 15 मई से अनिश्चितकालीन हडताल पर हैं और कल उनके ‘चक्का जाम’ आंदोलन के दौरान सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा।

राय ने कहा कि होमगार्ड जवानों की हड़ताल के मद्देनजर कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए जिला शस्त्र बल, बिहार सैन्य बल और सैप की मदद से वैकल्पिक प्रबंध किए गए हैं। वैशाली के पुलिस अधीक्षक चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि गंगा ब्रिज थाना में गांधी सेतु को कल जाम करने वाले 150 होमगार्ड जवानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिसमें 17 नामजद और बाकी अज्ञात हैं। बिहार गृह रक्षा वाहिनी संघ के अध्यक्ष अरूण कुमार ठाकुर ने आज के अपने ‘जेल भरो अभियान’ को पूरे प्रदेश में सफल रहने का दावा करते हुए कहा कि हिरासत में लिए गए जवान अपनी मांग पूरी होने तक जेल में रहने के इच्छुक हैं।

1947 में गठित बिहार गृह रक्षा वाहिनी के जवानों को दैनिक भत्ते के तौर पर 300 रुपये दिए जाते हैं, वह इसे बढ़ाकर 500 रुपये करने, सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने, सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त तीन लाख रुपये देने तथा ड्यूटी के दौरान मौत होने पर मुआवजे के तौर पर दस लाख रुपये देने सहित विभिन्न मांगें कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष दिसंबर में तत्कालीन जीतन राम मांझी सरकार ने होमगार्ड की सेवानिवृत्ति आयु को 60 वर्ष करने के साथ उनके दैनिक भत्तों को 400 रुपये और यात्रा भत्ता 50 रुपये दिए जाने का निर्णय लिया था, जिसे गत 22 फरवरी को मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद नीतीश कुमार ने निरस्त कर दिया।