जीतनराम मांझी के चुनाव नहीं लड़ने वाले बयान के बाद सियासत तेज हो गई है.
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पटनाः बिहार में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर घमासान मचा हुआ है. चुनाव के निकट आने के बाद से पार्टी के नेताओं द्वारा सीट शेयरिंग को लेकर इशारों-इशारों में ही बयान दे रहे हैं. जिससे बिहार में सियासत भी गरम हो रही है.
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें सम्मान जनक सीट नहीं मिली तो वह लोकसभा चुनाव से बाहर रह सकते हैं. साथ ही उन्होंने साफ किया कि महागठबंधन के हित में वह एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. उनका सिर्फ एक ही उद्देश्य है एनडीए को हराना.
वहीं, जीतनराम मांझी के चुनाव नहीं लड़ने वाले बयान के बाद सियासत तेज हो गई है. उनके बयान पर जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि, 'जीतनराम मांझी के फैसले से 'हम' के कई नेताओं को गम में डाल देगा.' उन्होंने कहा पारिवारिक स्वार्थ के लिए जीतनराम मांझी ने अपने पार्टी के नेताओं के राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगा रहे हैं.
वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी संजय मयूख ने कहा कि, जीतनराम मांझी के गम को हम समझ सकते हैं. उनके साथ हमारी सहानुभूति है.
इसके अलावा आरजेडी के प्रवक्ता ने भाई वीरेंद्र ने कहा कि एनडीए को सत्ता से बाहर करने के लिए महागठबंधन के सभी दल अपने-अपने तरीके से आगे आ रहे हैं. हमारे यहां सीट शेयरिंग को लेकर कोई मुद्दा नहीं है. एनडीए को हराना ही केवल हमारा मकशद है. इसके लिए सभी पार्टियां कुछ भी करने को तैयार है.
आपको बतादें कि इस बात की चर्चा जोरों पर है कि लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर फॉर्मूला तय हो चुका है. इसमें जीतनराम मांझी की पार्टी हम को सीट शेयरिंग में केवल एक ही सीट दिए जाने की अटकलें हैं. इसके बाद मांझी ने साफ कर दिया है कि महागठबंधन के हित में वो चुनाव से दूर भी रह सकते हैं. ऐसे में मतलब साफ है कि जीतनराम मांझी एक सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.