पटनाः बिहार के कैमूर के रामगढ़ की बेटी शशिकला कुमारी को न्याय दिलाने के लिए जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) के अध्यक्ष अनिल कुमार और शशिकला के माता-पिता पांच फरवरी से भभुआ समाहरणालय (जिलाधिकारी कार्यालय) के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगे. जविपा के अध्यक्ष अनिल कुमार ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी की मांग है कि इस मामले में जिले के वर्तमान जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक का निलंबन हो और इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करवाई जाए. 


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उन्होंने दलित वर्ग से आने वाली शशिकला के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की. इस संवाददाता सम्मेलन में मृतक शशिकला के पिता परमात्मा राम और मां कश्मीरा देवी भी मौजूद रहे.


अनिल कुमार ने कहा, "बिहार में कानून-व्यवस्था की हालत क्या है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कैमूर के रामगढ़ स्थित बड़ौरा गांव में शशिकला की हत्या मामले में पुलिस अपराधियों के बदले पीड़ित परिवार के सदस्यों को डरा-धमका रही है. पुलिस इस हत्या के मामले को आत्महत्या बताकर मामले को रफा-दफा करने में लगी है."


उन्होंने कहा, "पुलिस प्रशासन भाजपा और राजद के प्रभाव में आकर आरोपी मनोज सिंह को बचाने में लगी है. यही वजह है कि इस मामले में बेटी शशिकला को न्याय दिलाने सड़क पर उतरे 160 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर दलित आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. पहले मामले की जांच हो और फिर दोषियों की गिरफ्तारी हो."


शशिकला (18) की मां कश्मीरा देवी ने संवाददाता सम्मेलन में भावुक होते हुए बेटी को न्याय दिलाने की गुहार लगाई. उन्होंने कहा, "महज 4000 रुपये के लिए मनोज सिंह ने मेरी बेटी की हत्या कर दी."


उन्होंने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए कहा, "मनोज सिंह ग्राहक सेवा केंद्र चलाता है, जहां शशिकला का भी खाता है. 4000 रुपये की गलत निकासी का आरोप लगाते हुए शशिकला ने मनोज के खिलाफ रामगढ़ थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करवाई. बाद में मनोज चालाकी से लड़की के साथ इस मामले में समझौता कर लिया."


उन्होंने आरोप लगाया कि बाद में शशिकला को मनोज अपने साथ ले गया और फिर वह वापस नहीं लौटी. उसका शव रेल पटरी से पुलिस ने बरामद किया. 


(इनपुटः आईएएनएस)