Delhi Govt Schools: दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कराई जाएगी. पढ़ने वाले बच्चों को छोटी उम्र में होने वाले तनाव से बचाने और उनकी मेंटल हेल्थ सही रखने के लिए सरकार ये पहल कर रही है.
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Govt Schools Students Mental Health Counselling: दिल्ली सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्ट्रेस से दूर रखने और उनके मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए पहल की जा रही है. अब दिल्ली के स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ को देखते हुए दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग कराई जाएगी. जानकारी के मुताबिक इस संबंध में दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को ब्लू-प्रिंट तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
पायलट फेज
मिली जानकारी के मुताबिक पिछले एक साल में दिल्ली सरकार ने पायलट फेज के तहत 20,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कराई. सरकार की ओर से 20 स्कूलों में मनोरोग विशेषज्ञों की नियुक्तियां की गई थी, जिन्होंने स्टूडेंट्स की मानसिक स्थिति को परखा और उनकी समस्या को दूर किया. इसके साथ ही स्टूडेंट्स में पढ़ाई और दूसरी वजहों से होने वाले स्ट्रेस को से कैसे बचा जाए, इसके बारे में बेहतर तरीके से गाइडेंस दिया.
बच्चों को दी ये अहम जानकारी
साइकेट्रिस्ट ने बच्चों को बताया कि कैसे स्ट्रेस फ्री रहा जा सकता है. कैसे खुद को इमोशनली स्ट्रॉन्ग और हेल्दी रखा जा सकता है. साथ ही काउंसलिंग की मदद से मेंटल हेल्थ कैसे बेहतर होगी जैसे जानकारी स्टूडेंट्स को ग्रुप सेशन और सोशल-इमोशनल लर्निंग के जरिए दी गई.
बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार को शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में तैनात इन विशेषज्ञों के साथ चर्चा की. इसके साथ ही उनसे पायलट फेज के एक्सपीरियंस भी जाने. इस दौरान स्कूल मनारोग विशेषज्ञों ने मंत्री को बताया कि काउंसलिंग के जरिए स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ को बेहतर कर उन्हें फिर पढ़ाई से जोड़ा जा सकता है.
मेंटल हेल्थ को लेकर अवेरनेस नहीं
आज के समय में बहुत छोटी उम्र से ही बच्चों में स्ट्रेस देखने को मिलता है, जिसके कई कारण हो सकते हैं. इससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है. वहीं, मेंटल हेल्थ को लेकर बहुत ज्यादा अवेरनेस न होने के कारण ही ये परेशानी और बढ़ जाती है, क्योंकि सही समय से इलाज नहीं मिल पाता.
मंत्री ने कहा कि बच्चों की फिजिकल हेल्थ के मन का स्वस्थ होना भी बहुत जरूरी है. बच्चों का ओवरऑल डेवलपमेंट तभी हो सकता है, जब वो मेंटली भी पूरी तरह फिट रहेंगे. अब पायलट फेज की सफलता के बाद दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कराई जाएगी.