बिहार में 'बंदी' की खबर भ्रामक, आदेश निकला फर्जी, प्रशासन करेगी जांच
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बिहार में 'बंदी' की खबर भ्रामक, आदेश निकला फर्जी, प्रशासन करेगी जांच

 बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे आंकड़ों को लेकर बंदी की अवधि बढ़ाई जा सकती है. इस बीच, बंदी को लिए गए एक आदेश को बिहार सूचना एवं जनसंपर्क विभाग फर्जी बता रहा है.

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इसे फर्जी बताया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे आंकड़ों को लेकर बंदी की अवधि बढ़ाई जा सकती है. इस बीच, बंदी को लिए गए एक आदेश को बिहार सूचना एवं जनसंपर्क विभाग फर्जी बता रहा है. बिहार सरकार के गृह विभाग द्वारा 29 जुलाई को जारी एक पत्र में पहले बंदी का आदेश निर्गत किया गया था. बाद में हालांकि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इसे फर्जी बताया है.

गृह विभाग द्वारा जारी यह पत्र सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है. इधर, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा अधिाकरिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा गया, "सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि सोशल मीडिया में लॉकडाउन के संबंध में एक भ्रामक पत्र वायरल हो रहा है, जिसके संबंध में गृह विभाग, बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये पूरी तरह फेक एवं भ्रामक है."

वहीं, इस वायरल पत्र को लेकर जिला प्रशासन सख्त है. प्रशासन इस मामले की जांच कराएगी और जांच में दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी. कोरोना काल के समय इस तरह के किसी वीडियो या पत्र वायरल करने वालों पर कार्रवाई होगी. आयुक्त संजय अग्रवाल और डीएम कुमार रवि ने लोगों से कोरोना से ना घबराने की अपील की.