कुशवाहा समाज की नाराजगी दूर करने की कवायद, नीतीश कुमार ने बुलाई नेताओं की बैठक
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कुशवाहा समाज की नाराजगी दूर करने की कवायद, नीतीश कुमार ने बुलाई नेताओं की बैठक

नीतीश कुमार ने अब कुशवाहा समाज के वोट को एकजुट करने की कवायद शुरू कर दी है. 

नीतीश कुमार ने आवास पर कुशवाहा नेताओं की बैठक बुलाई. (फाइल फोटो)

पटनाः जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को आगाम चुनाव के लिए कुशवाहा वोटरों की चिंता सताने लगी है. नीतीश कुमार के लिए पहले ही उपेंद्र कुशवाहा बड़ी चुनौती बने हुए हैं. वहीं, कुशवाहा समाज की बड़ी नेता मंजू वर्मा जिसे नीतीश कुमार ने बड़ी जिम्मेदारी दी थी. लेकिन उन पर कार्रवाई होने के बाद वह पार्टी के खिलाफ खुल कर सामने आई थी. जिससे नीतीश कुमार की मुश्किलें और बढ़ गई.

नीतीश कुमार ने अब कुशवाहा समाज के वोट को एकजुट करने की कवायद शुरू कर दी है. वह अपनी पैठ को बरकरार रखने का काम शुरू कर दिया है. कुशवाहा समाज का समर्थन उन्हें पहले से ही मिलता आ रहा है. लेकिन इस बार सियासी पारा कुछ और ही है. नीतीश कुमार को एहसास हो रहा है कि कुशवाहा समाज उनसे नाराज हैं.

ऐसे में कुशवाहा समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए कवायद की जा रही है. इसी के तहत रविवार को नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर कुशवाहा समाज के नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई है. बताया जाता है कि नीतीश कुमार ने इस मुहिम की कमान जेडीयू के कुशवाहा नेता सासंद संतोष कुशवाहा और मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के हाथों में दी है.

दोनों नेताओं ने मिलकर कुशवाहा समाज के वोट को एक जुट करने का काम दिया गया है. रविवार को कुशवाहा नेताओं के साथ विचार विमर्श किया गया है. बैठक नीतीश कुमार की अध्यक्षता में ही किया गया है. हालांकि अभी यह नहीं पता चला है कि कुशवाहा नेताओं की बैठक में क्या मंत्रणा की गई है.

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आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर रेप कांड में पूर्व समाज कल्याण मंत्री और कुशवाहा नेता मंजू वर्मा का नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. हालांकि इस्तीफा देने के बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि वह छोटी जाति की हैं इसलिए उन्हें इस्तीफआ देना पड़ा. इस बात को उन्होंने पूरे कुशवाहा समाज में जाकर बताई थी.

हालांकि नीतीश कुमार ने मंजू वर्मा के डैमेज कंट्रोल के लिए समाज कल्याण मंत्री का पद दोबारा कुशवाहा नेता कृष्णनंदन वर्मा को सौंपा था. जिससे की कुशवाहा समाज में किसी तरह की नाराजगी नहीं आए. हालांकि वह अभी इस पद पर अस्थायी रूप से हैं.

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वहीं, उपेंद्र कुशवाहा भी नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती है. वह कुशवाहा समाज के बड़े नेता हैं और नीतीश कुमार से उनका कोल्ड वार किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में नीतीश कुमार को कुशवाहा वोट बैंक बचाने की कोशिश शुरू कर दी है.