दरभंगाः बिहार में सुशासन को बहाल करने के लिए सरकार और पुलिस वरिष्ठ अधिकारी पूरे पुलिस महकमें को अपने कामों में सुधार लाने का निर्देष दे रहे हैं. लेकिन बिहार पुलिस के जवान अधिकारियों की निर्देश को ताख पर रखकर अपनी गुंडई दिखाने में लगे हुए हैं. बिहार में पुलिस पर से वैसे ही लोगों को भरोसा उठते जा रहा है. लिहाजा जनता खुद अपने हाथों में कानून को ले रही है. जिसका जागता उदाहरण सूबे में मॉब लिंचिंग की वारदातों से पता चलता है.


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पुलिस कर्मचारी अगर आम लोगों पर अपनी वर्दी की धौंस दिखाएंगे तो शायद यह कल्पना कभी सत्य नहीं होगा की पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए बने हैं और वह सुरक्षा के लिए संवेदनशील हैं. लेकिन सूबे में इसके उलट पुलिस अब खुद ही गुंडई पर उतर गए हैं.


मामला दरभंगा का सामने आया है जहां एक एएसआई ने अपनी गुंडई दिखाई है और एक अधिवक्ता को सरेआम पीट दिया है. इस हरकत के बाद जिले में पुलिस के बारे में लोगों की राय फिर से मिट्टी पलित हो गई है. इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें साफ दिख रहा है कि पुलिस अपनी मनमानी कर रही है और अधिवक्ता को पर हाथ उठा रही है.



मामला दरभंगा के डीएमसीएच अस्पताल का है. जहां एएसआई अनिल कुमार एक जुबेनाइल को लेकर इलाज कराने अस्पताल ले कर आए थे. इस बारे में कहा जा रहा है कि जुबेनाइल से मिलने आए परिजनों से इलाज के लिए पैसे मांग रहे थे. साथ ही जुबेनाइल को प्रताड़ित कर रहे थे. जिसके बाद जुबेनाइल के अधिवक्ता चाचा ने इसका विरोध किया.


अधिवक्ता ने जब इसका विरोध किया तो अनिल कुमार बिफर गए. जब पैसे लेने की बात के बारे में पूछा गया तो एएसआई का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने तुरंत ही अधिवक्ता पर हाथ उठा दिया. पिटाई करने के साथ अधिवक्ता से अपशब्द भी बोले गए. घटना के बाद अधिवक्ता ने पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है.


इस घटना के बाद पुलिस कप्तान ने कहा है कि वीडियो सामने आने के बाद अनिल कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. और एसडीपीओ सदर को जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. जिसके बाद विभागिय जांच में मामला स्पष्ट होने के बाद अंतिम रूप से अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.


वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस मामले पर सरकार का बचाव करते हुए कहा कि बिहार में कानून का राज है और पुलिस की शिकायतें आने पर खुद सीएम और डिप्टी सीएम संज्ञान लेकर काम कर रहे हैं. पुलिस को किसी भी तरह का अमान्य कार्रवाई करने की इजाजत नहीं दी गई है. हालांकि विपक्ष इस मामले में सरकार पर निशाना साध रहा है और कह रहा है कि बिहार में अब अपराध के बाद पुलिस भी बेलगाम हो गई है.