Bihar Police Act bill: सरकार नए पुलिस बिल को बिहार में लागू करने की तैयारी में है. लेकिन इस बिल को लेकर विपक्ष के तेवर कुछ अलग ही है. विपक्ष द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि बिल के जरिए सरकार बिहार में पुलिस राज कायम करना चाहती है.
Trending Photos
Patna: नए पुलिस बिल (Police Bill) को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. विपक्ष ने नए पुलिस अधिनियम बिल (Police Act bill) के विरोध में मोर्चा खोल रखा है. विपक्ष का आरोप है कि नीतीश सरकार बिहार में पुलिस राज कायम करना चाहती है. लेकिन सत्ता पक्ष दलील दे रहा है कि नए पुलिस अधिनियम के बनने से विकास की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. लेकिन क्या ऐसा संभव है ये बड़ा सवाल है?
बिहार में कायम होगा पुलिस राज?
दरअसल, राज्य सरकार नए पुलिस बिल को बिहार में लागू करने की तैयारी में है. लेकिन इस बिल को लेकर विपक्ष के तेवर कुछ अलग ही है. विपक्ष द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि बिल के जरिए सरकार बिहार में पुलिस राज कायम करना चाहती है. RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'यह काला कानून है. नीतीश कुमार बिहार की जनता पर अंग्रेजों के जमाने का कानून थोपना चाहते हैं. इस बिल की जबतक वापसी नहीं हो जाती है तब तक राजद विरोध करती रहेगी.'
ये भी पढ़ें-बिहार के ये विधायक बुलेटप्रूफ कार में करते हैं सफर, सब तरफ बस इन्हीं का जिक्र
'बिना पढ़े बिल का हो रहा विरोध'
वहीं, जेडीयू नेता माधव आनंद ने कहा, 'विपक्ष के लोग बिना बिल को पढ़े विरोध कर रहे हैं. बिहार में उद्योग की अपार संभावनाए हैं. अगर आप विरोध कर रहे है तो इसका मतलब है कि आप विकास से मतलब नहीं रखते हैं. लेकिन सवाल उठता है कि इस बिल को लेकर बवाल क्यों मचा है? आखिर बिल में ऐसा क्या है जिसका विरोध विपक्षी पार्टियां कर रही हैं.
बिल के कानून बनने के बाद क्या होगा?
जानकारी के अनुसार, नए पुलिस अधिनियम 2021 में प्रावधान है कि किसी को गिरफ्तार करने के लिए वारंट या मजिस्ट्रेट की इजाजत की जरूरत नहीं होगी. विशेष सशस्त्र पुलिस बिना वारंट के किसी की भी तलाशी कर सकेगी. अगर विशेष सशस्त्र पुलिस के किसी अधिकारी पर किसी अपराध का आरोप लगता है तो कोर्ट खुद से संज्ञान नहीं ले पाएगी. यानी कानून के जरिए पुलिस को ऐसे अधिकार दिए जा रहे हैं जिसके तहत बिहार पुलिस को अब किसी की भी वक्त किसी की तलाशी लेने के लिए किसी वारंट की जरूरत नहीं होगी और तो और अगर किसी वर्दीधारी ने जुल्म किया तो कोर्ट भी उसके खिलाफ तब तक कार्रवाई नहीं कर पाएगी.
ये भी पढ़ें-Bihar: Tejashwi Yadav ने बताया सरकार के 64 प्रतिशत मंत्रियों को दागी, स्पीकर ने कहा-कुछ नया बताएं
'सरकार ला रही काला कानून'
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा, 'नीतीश कुमार सरकार काला कानून ला रही है. नीतीश कुमार ने पहले सोशल मीडिया रेगुलेशन किया और अब इस बिल के जरिए सरकार को जो भी आईना दिखाएगा उसे पुलिस पकड़ लेगी. इस कानून से पुलिस की मनमानी और बढ़ेगी. जबकि बीजेपी नेता अजीत चौधरी ने कहा, 'आरजेडी ने बिहार में अराजकता की राजनीति की है. उनके शासनकाल में पुलिस को कभी भी छूट नहीं मिली. इसीलिए इस कानून को लेकर विपक्ष के नेता हाय-तौबा मचा रहे हैं.'
इधर, सत्ता पक्ष दलील दे रहा है कि बिना पढ़े विपक्ष आरोप लगा रहा है. लेकिन प्रावधान पर बात करने से सत्ता पक्ष बच रहा है. विपक्ष की मांग है कि बिल पर बहस होनी चाहिए. बहस के बाद सदन की कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. लेकिन सरकार क्या इसके लिए तैयार होगी, ये बड़ा सवाल है?