Bihar STET 2019 Result: BSEB ने घोषित किए शिक्षकों के नतीजे, 25 हजार 599 अभ्यर्थी हुए सफल
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Bihar STET 2019 Result: BSEB ने घोषित किए शिक्षकों के नतीजे, 25 हजार 599 अभ्यर्थी हुए सफल

Bihar STET Result: परिक्षा में कुल 24 हजार 599 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. पहले पेपर में 16 हजार 68 अभ्यर्थी और दूसरे पेपर में 8 हजार 531 अभ्यर्थी सफल हुए हैं.

25 हजार 599 अभ्यर्थी का नियुक्ति का रास्ता साफ.

Patna: Bihar STET 2019 Result माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) का रिजल्ट आज घोषित कर दिया गया. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने आज परिणाम की घोषणा की. शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि जिन अभ्यर्थियों ने एसटीइटी पास की उनकी बहाली भी सरकारी स्कूलों में समय के मुताबिक कर दी जाएगी. शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि अब इन अभ्यर्थियों का नियोजन भी दो से तीन महीने में हो जाएगा. विजय चौधरी ने साफ कहा कि आज जो भी अभ्यर्थी पास हुए हैं उनकी नियुक्ति पक्की समझी जाए.

दरअसल साल 2019 में ही माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बहाली के लिए BSEB ने ऑनलाइन आवेदन मांगे थे. जिसके बाद जनवरी 2020 में परीक्षा ली गई. लेकिन कदाचार  के गंभीर आरोपों के बीच जनवरी में आयोजित परीक्षा रद्द कर दी गई. फिर कोरोना संक्रमण के गंभीर खतरों के  बीच पिछले साल ही सितंबर 2020 में परीक्षा ली गई और आज परिणाम की घोषणा कर दी गई. 
एक नजर परीक्षा परिणाम पर-

पेपर 1 यानि क्लास 9 और 10 और पेपर-2 यानि क्लास 11 और 12 के लिए पिछले साल 9 सितंबर से 21 सितंबर तक परीक्षा ली गई.

दोनों पेपर में 1 लाख 78 हजार अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे थे.

1 लाख 78 हजार में 1 लाख 54 हजार 951 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए.

पेपर 1 में 1 लाख 9 हजार 667 अभ्यर्थी शामिल हुए.

पेपर 2 में 45 हजार 284 अभ्यर्थी शामिल हुए.

पेपर 1 में 16 हजार 68 जबकि पेपर 2 में 8 हजार 531 अभ्यर्थी सफल हुए.

कुल 15 विषयों के लिए परीक्षा ली गई थी इसमें आज उर्दू,संस्कृत और विज्ञान के परिणाम की घोषणा नहीं की गई.

ऊर्दू,संस्कृत और विज्ञान में 7 हजार 108 सीट

अब इनका परिणाम मई के पहले हफ्ते में आएगा.

www.bsebstet 2019.in और biharboardonline.bihar.gov.in पर छात्र परिणाम देख सकते हैं. 

शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने भरोसा जताया है कि बिहार में जल्द ही माध्यमिक स्कूलों में भी शिक्षकों की कमी दूर कर ली जाएगी. शिक्षा विभाग आज रिजल्ट जारी करके अपनी पीठ थपथपा सकता हैं. लेकिन उसे इस बात को जवाब भी देना होगा कि आखिर क्यों बिहार में किसी नियोजन प्रक्रिया या परीक्षा के आयोजन और उसके परिणाम में डेढ़ साल का वक्त लगता है.