भागलपुर: जिला शिक्षा पदाधिकारी ने लिया संज्ञान, विद्यालय में अब लोहे के दरवाजे पर नहीं ब्लैकबोर्ड पर पढ़ेंगे बच्चे
बिहार के भागलपुर में मध्य विद्यालय के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. यहां बच्चों को ब्लैक बोर्ड के स्थान पप लोहे के दरवाजे पर पढ़ाया जाता है. इस पर भागलपुर में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने संज्ञान लिया
भागलपुर: बिहार के भागलपुर में मध्य विद्यालय के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. यहां बच्चों को ब्लैक बोर्ड के स्थान पप लोहे के दरवाजे पर पढ़ाया जाता है. इस पर भागलपुर में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने संज्ञान लिया. दरअसल जिले के कहलगाँव अनुमंडल स्थित मध्य विद्यालय साहूपारा में ब्लैकबोर्ड की जगह लोहे के दरवाजे पर पढ़ाई की खबर जी मीडिया पर दिखाए जाने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने संज्ञान लिया है.
शिक्षा पदाधिकारी ने मांगी जांच की रिपोर्ट
जिला शिक्षा पदाधिकारी की खबर चलने के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को मामले की जांच के लिए भेजा और वहां की रिपोर्ट मांगी. आज बीइओ राजेश्वर पांडे ने स्कूल पहुँच कर मामले की जाँच की. डीईओ संजय कुमार ने बताया कि आपके न्यूज़ के माध्यम से यह मामला सामने आया. उसके बाद जांच का आदेश दिया औैर आज जांच की गई है.
मिस मैनेजमेंट की वजह से हुआ यह सब
उन्होंने आगे कहा कि मिस मैनेजमेंट की वजह से ये सब हो रहा है. कमरा पर्याप्त है. पिछले वर्ष उन्हें राशि उपलब्ध कराई गई थी, जिसका प्रयोग उन्होंने इलेक्ट्रिसिटी और ब्लैकबोर्ड के लिए नहीं किया. पूरी तरह से प्रधानाध्यपिका की गलती है. प्रधानाध्यपिका पर कार्रवाई करेंगे. हम उस विद्यालय के राशी सेंक्शन करेंगे और वहां साधन मुहैया कराएंगे.
बता दें कि शनिवार को जी मीडिया ने मध्य विद्यालय साहूपारा से शिक्षा व्यवस्था को उजागर किया था. जिसमें बताया कि वहां बच्चों को ब्लैकबोर्ड की जगह लोहे के दरवाजे पर पढ़ाया जाता है. प्रधानाध्यपिका गायत्री फंड का रोना रो रही थी.
विद्यालय साहूपारा में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल
दरअसल, भागलपुर के कहलगांव अनुमंडल के मध्य विद्यालय साहूपारा में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. यहां पर बच्चों को ब्लैक बोर्ड की जगह पर लोहे के दरवाजे पर पढ़ाया जाता है. कक्षा 4 के बच्चे बरामदे में बैठ कर पढ़ाई करते हैं. सभी बच्चों को दरवाजे पर लिखकर समझाया जाता है. कक्षा चार में 54 छात्र नामांकित हैं. सभी बरामदे पर बूट का बोरा बिछाकर उसपे बैठकर पढ़ाई करते हैं. स्कूल में कमरे होने के बाद भी कक्षा 4 के छात्र बारामदे में बैठ कर पढ़ाई करते हैं. इसका मुख्य कारण स्कूल का प्रशासनिक प्रबंध है. कक्षा 4 के कमरे को स्टोर रूम बना दिया गया है. इस विद्यालय में करीब 380 छात्र नामांकित है.
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