Banka: विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले की शुरूआत 14 जुलाई से होने जा रही है. सुल्तानगंज से देवघर तक 108 किलोमीटर का कांवरिया पथ है. वहीं, सभी कांवरिया सुल्तानगंज से जल भरकर कांवरिया पथ से बाबधाम पहुंचकर बाबा भोलनाथ पर जलाभिषेक करते हैं. लाखों की संख्या में यहां हर साल श्रृद्धालु आते हैं. हालांकि पिछले दो सालों से कोरोना के कारण श्रावणी मेला नहीं लग पाया है. इसकी शुरूआत इस साल होने जा रही है, जिसको लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में लगा हुआ है. 


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जगह जगह लगाए गए चापाकल
दरअसल, बांका जिले में लगभग 55 किलोमीटर कांवरिया पथ पड़ता है. जिसको लेकर जिला प्रशासन लगातार तैयारियां कर रहा है. यह 55 किलोमीटर बांका के तीन प्रखंडों में पड़ता है बेलहर, कटोरिया और चांदन प्रखंड. वहीं, श्रावणी मेले की तैयारियों का जायजा लेने के जिला पदाधिकारी, अंशुल कुमार और पुलिस अधीक्षक, बांका डॉक्टर सत्य प्रकाश पहुंचे. कांवरिया श्रृद्धालुओं की सुख सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तैयारियां की जा रहा हैं. जगह-जगह चापाकल लगाए गए हैं. चापाकाल के पास सोख्ता का भी निर्माण किया गया है, ताकि पानी की बर्बादी न हो. 


टेंट सिटी में 500 बेड की व्यवस्था
पर्यटन विभाग के द्वारा टेंट सिटी का भी निर्माण किया गया है. जिसका निरीक्षण जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने किया. फिलहाल टेंट सिटी का निर्माण कार्य प्रगति पर है. वहीं, जिला पदाधिकारी द्वारा टेंट सिटी के काम को गुणवत्ता के साथ जल्द पूरा करने का निर्देश दिया. इसके अलावा टेंट सिटी में लगभग 500 कांवरिया के सोने की व्यवस्था की गई है. साथ ही दो हजार से अधिक कांवरियों के बैठने का प्रबंध किया गया है. साथ ही टेंट सिटी में पर्यटन विभाग के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए मंच भी तैयार किया जा रहा है. ताकि वहां आराम कर रहे कांवरियों का मनोरंजन हो सके. 


साफ-सफाई के दिए निर्देश
कांवरिया रास्ते में पड़ने वाले अबरखा में पीएचईडी विभाग को चापाकल के पास बने सोख्ता में पतली नाली के द्वारा पानी ठीक तरीके से प्रवेश नहीं पर पा रहा था. जिसके कारण पानी चारों तरफ फैला हुआ था. पीएचईडी कार्यपालक ने उस जगह पर पाइप बिछाने का निर्देश दिया ताकि पानी बाहर न फैले और आने वाले कांवरियों को किसी भी प्रकार की परेशानी हो. इसके अलावा अबरखा में नाला के पास काफी गंदगी फैली हुई थी जिसे देख जिला पदाधिकारी बेहद नाराज हुए, उसे जल्द साफ करने का आदेश दिया. इसके अलावा अबरखा में अभी तक शौचालय का भी काम पूरा नहीं हो पाया है. शौचालय के कार्य को दो दिनों के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया है. इस तरह से जिला पदाधिकारी जगह-जगह पहुंच कर सभी तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. 


वहीं, कांवरिया रास्ते के बारे में कांवरिया श्रृद्धालुओं से भी डीएम ने सभी सुख सुविधाओं को लेकर जानकारी ली. कांवरियों का एक ग्रुप अररिया जिले से आया हुआ था. कांवरियों ने बताया कि इस बार कच्चे रास्ते पर महीन बालू का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कांवरियों को चलने में काफी आसानी हो रही है. 


दुकानदारों को डस्टबिन रखने के निर्देश
जिला पदाधिकारी ने दुकानदारों को दुकानों के आगे डस्टबिन, दो चार बाल्टी बालू रखने का निर्देश दिया. वहीं, कांवरिया धर्मशाला के पास नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं. पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता से पेयजल, स्नानघर, शौचालय एवं बिजली विभाग के कार्य को लेकर जानकारी ली. वहीं, कांवरियों को दी जाने वाली सभी सुख सुविधाओं को मेला शुरू होने से पहले पूरी तरह से दुरुस्त करने का निर्देश दिया. इसके अलावा जगह-जगह धर्मशाला व शिविर के शौचालय में टाइल्स, रनिंग वाटर, साफ सफाई, इत्यादी पर अच्छे से निरीक्षण करते हुए दिशा निर्देश दिए. 


महिलाओं की सुविधाओं का भी रखा जा रहा ध्यान
साथ ही मेले में जगह-जगह पर गर्म पानी, महिला स्नानाघर, महिलाओं के लिए ड्रेस चेंज करने के लिए रूम की व्यवस्था, गाड़ी पार्किंग व खोए हुए बच्चों के लिए सूचना केंद्र खोलने के निर्देश दिए.  इसके अलावा खतरनाक जगह पर ब्लैक स्पॉट को रखा जाएगा. बांका जिले में पड़ने वाले चारों कांवरिया धर्मशाला का जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा निरीक्षण किया गया. जहां-जहां कमियां नजर आई उसको लेकर जिला पदाधिकारी ने उसपर काम करने का निर्देश दिया. खासकर शौचालय एवं स्नानाघर के पास बार-बार साफ सफाई को लेकर निर्देश दिए गए.


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