Katihar: कटिहार के सदर अस्पताल में एक अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला. यहां डॉक्टर मरीजों को देखने के बजाय अस्पताल की गंदगी साफ कर रहे हैं. डॉक्टरों के हाथ में झाड़ू, पोंछा देख अस्पताल में भर्ती मरीज भी हैरान हैं, लेकिन सिविल सर्जन के निर्देश पर सफाई करना डॉक्टरों की मजबूरी हो गई है. 


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मरीज हुए हैरान


सदर अस्पताल की गंदगी को बटोर रहे कई सरकारी चिकित्सक, एएनएम समेत सुरक्षाकर्मी बीमार मरीजों को वार्डो में उनके हाल पर छोड़ अब स्वास्थ विभाग की ड्यूटी को बखूबी निभाते नजर आ रहे हैं.  इस सफाई अभियान में अस्पताल की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को भी शामिल किया गया. जो जमा कूड़े कचरे को उठाकर फेंकने का काम कर रहे थे. अस्पताल में आए मरीज भी डॉक्टर को झाड़ू लगाते हुए देखकर दंग हो गए. 


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वहीं, कटिहार जिला प्रशासन के डीएम उदयन मिश्रा ने कहा कि श्रमदान सिर्फ श्रमदिवस पर ही नहीं, कभी भी कहीं भी किया जा सकता है.


सफाईकर्मियों की हड़ताल जारी


बता दें कि 4 दिनों से वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर सफाईकर्मियों की हड़ताल जारी है, जिसकी वजह से साफ सफाई का काम ठप पड़ा हुआ है. साफ सफाई का काम ठप पड़ जाने की वजह से अस्पताल के सभी जगहों पर कूड़े कचरे का अंबार लग गया था. कई सालों से यहां पर सफाई कर्मचारी संवेदक के अधीन काम कर रहे हैं और वेतन के नाम पर उन्हें 6 से लेकर 7000 रुपए महीने दिए जाते है. इतने कम पैसे में सफाई कर्मचारी अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे थे. जिसके लिए सफाई कर्मचारियों ने इससे पहले भी सिविल सर्जन और जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर वेतन बढ़ाने का मांग भी की थी. 


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वहीं, हर महीने सदर अस्पताल प्रशासन की ओर से लाखों रुपए सफाई के नाम पर खर्च करते हैं. अस्पताल के कुछ पदाधिकारियों और संवेदक के मिलीभगत से हर महीने लाखों रुपए का उठाव साफ-सफाई के नाम पर करते हैं,  लेकिन जो सफाई कर्मचारी दिन रात अस्पताल की सफाई में लगे रहते हैं. उन्हें कम पैसे देकर काम करवाया जा रहा है.