पटनाः Read Durga Saptshati: श्रीदुर्गा सप्तशती मां दुर्गा की प्रार्थना है. नवरात्र में इसका बहुत महत्व है. यह मनोकामनाओं को पूरा करने वाला स्तोत्र हैं. दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय हैं 700 श्लोक हैं. दुर्गा सप्तशती में महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती की उपासना है. कहते हैं कि सप्तशती का पाठ असंभव को भी संभव कर देता है. सप्तशती के पाठ से सभी बाधाएं दूर होती हैं. जीवन में हो रहे सारे अपशकुन दूर हो जाते हैं. 
 
नवरात्र में लाभदायक है पाठ
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के लिए रात का समय सबसे अच्छा और शुभ होता है. अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और नवरात्र में पाठ लाभदायक है. इस समय जरूर करें. पाठ करने से पहले जरूरी है कि स्नान कर लें और सबसे पहले आचमन करें. इसके बाद संकल्प करें और पुस्तक का पूजन करें. दुर्गा कवच का पाठ करें और फिर अरगला, फिर कीलक और उसके बाद कवच का पाठ करें. नवार्ण मंत्र का न्यास करें. 


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जप माला को करें सिद्ध
इस प्रक्रिया के बाद मां दुर्गा के तीनों रूपों का ध्यान करें और जप की माला को सिद्ध करें. नवार्ण मंत्र का 108 बार जप करें. सप्तशती का न्यास करें. सप्तशती के 13 अध्यायों का पाठ करें. न्यास को एक बार फिर करें और फिर देवी सूक्त का पाठ करें. देवी सूक्त का पाठ करें. आखिर में रहस्य और दिव्य अपराध क्षमा प्रार्थना करें. 


उच्चारण में बरतें सावधानियां
पाठ का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए. मध्यम आवाज में ही पाठ करें. पूरे पाठ का स्वर एक जैसा रखें. पाठ करते समय बिल्कुल न हिलें. पवित्रता का पूरा ध्यान रखें. अगर आप पूरा पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो एक आसान उपाय भी है. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ पूरी सप्तशती का फायदा देता है. 


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