Patna: बिहार के मुख्यमंत्री मंगलवार को शराबबंदी को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करने वाले हैं. उससे एक दिन पहले सोमवार को उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सरकार शराबबंदी कानून किसी भी हाल में वापस नहीं लेने वाली है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी लागू करने के लिए जो भी जरूरत है, किया जाएगा. 


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'पीयोगे तो मरोगे' को प्रचारित करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि 'पीयोगे तो मरोगे' को प्रचारित करने की जरूरत है. पटना में 'जनता दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवार शराबबंदी को लेकर बैठक होने वाली है, जिसमें सभी चीजों पर विस्तृत चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि आखिर क्या कमी है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है.


उन्होंने कहा कि इस बैठक में इससे संबंधित अधिकारी और मंत्रीगण उपस्थित रहेंगे और पूरी बातों पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई बार इसको लेकर बैठक हुई है, जिसमें जो निर्देश दिए गए उसपर क्या हुआ वह भी देखा जाएगा. 


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'लापरवाही करने वाले को नहीं छोड़ा जाएगा'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह कहीं से अच्छी चीज नहीं है. कैसे लोग पीने से मरें. अब यह प्रचारित करने की जरूरत है कि पीयोगे तो मरोगे. शराब कितनी गंदी चीज है, देख लीजिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शराबबंदी कानून को लेकर साफ शब्दों में कहा कि ये कानून वापस नहीं होगा. लोगों को शराब नहीं पीना चाहिए. कानून का पालन कराने में जो भी लापरवाही करेंगे उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा.


'वापस नहीं होगा कानून'
उन्होंने कहा कि समाज में कुछ लोग तो गड़बड़ करने वाले होते ही हैं. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जिसको जो बोलना है, जो बयान देना है, देते रहें, लेकिन शराबबंदी कानून किसी भी हाल में वापस नहीं होगा. 


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'शराबबंदी के बाद अपराधिक घटनाओं में कमी आई'
उन्होंने यह भी कहा कि इसे लागू करने के लिए जो भी जरूरत है किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के एक सवाल पर कहा कि शराबबंदी के बाद अपराधिक घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी कमी आई है. पहले लोग शराब पीकर वाहन चलाते थे और दुर्घटना होती थी.


(इनपुट-आईएएनएस)