पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने 1.5 लाख लोगों को नौकरी देने के मुख्यमंत्री के दावे को चुनौती देते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार ने एक व्यक्ति को भी सरकारी नौकरी नहीं दी. पहली कैबिनेट में 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा झूठा साबित हुआ.


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राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि स्वाधीनता दिवस समारोह पर पारम्परिक संबोधन में मुख्यमंत्री ने 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने पर भी कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की. सिर्फ आश्वासन दिया गया कि अब बीपीएससी की परीक्षा के बाद उनके बारे में फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने वही उपलब्धियाँ गिनायीं, जो एनडीए सरकार के समय की हैं.


 



राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद से डील और महागठबंधन सरकार बनने के बाद एक साल की अवधि में ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिसे वे उपलब्धि बता सकें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिन नौकरियों के नियुक्ति पत्र बाँटे, उनके लिए विज्ञापन निकलने से लेकर ज्वाइनिंग तक की प्रक्रिया एनडीए सरकार पूरी कर चुकी थी. केवल श्रेय लेने के लिए दोबारा नियुक्ति पत्र बांटे गए.


राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि स्वाधीनता दिवस पर मुख्यमंत्री को बताना चाहिए था कि राज्य में बालू-शराब माफिया, बैंक लुटेरों, पेशेवर अपराधियों और पशु-तस्करों का दुस्साहस इतना क्यों बढ़ा कि वे पुलिस पर हमले कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का भाषण शिक्षक अभ्यर्थियों, युवाओं, गरीबों, व्यापारियों और आम लोगों के लिए पूरी तरह निराशाजनक था.