RJD ने गठबंधन से इतर किया अपने उम्मीदवार का ऐलान, दोनों सीटों पर कांग्रेस को लगाया `किनारे`
बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक राम ने कहा,`आरजेडी ने दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है, जबकि हमने कुशेश्वरस्थान से अपना उम्मीदवार उतारने का ऐलान पहले ही कर दिया था, जिसकी सूचना सभी को है.`
Patna: बिहार में दो सीटों पर उपचुनाव को लेकर आरजेडी ने अपने उम्मीदवारों का रविवार को ऐलान कर दिया. पार्टी ने कुशेश्वरस्थान (Kusheshwar Asthan) से गणेश भारती और तारापुर सीट (Tarapur) से अरुण कुमार साह को प्रत्याशी बनाया है. लेकिन आरजेडी के इस ऐलान के बाद एक बार फिर ये सवाल उठा कि क्या महागठबंधन (Mahagathbandhan) में 'ऑल इज वेल' है? क्योंकि जब बिहार RJD के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया तो उस वक्त कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि वहां मौजूद नहीं था.
NDA ने बनाई बढ़त
वहीं, RJD के ऐलान के बाद कांग्रेस की आई प्रतिक्रिया ने इस बात को और पुख्ता कर दिया कि महागठबंधन में 'सबकुछ ठीक नहीं है'. इधर, एनडीए ने तमाम मसलों पर मतभेद होने के बावजूद साझा प्रेस कॉन्फ्रेस करके प्रत्याशी का ऐलान किया था. गठबंधन में बड़ी पार्टी बीजेपी ने ना सिर्फ दोनों सीट जेडीयू (JDU) को दी बल्कि एनडीए (NDA) ने चुनाव से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त भी हासिल की. साथ ही, एकजुटता का संदेश देने में भी कामयाब रही. जबकि कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है.
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'कांग्रेस दोनों सीटों पर उतारेगी प्रत्याशी'
बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक राम ने कहा,'आरजेडी ने दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है, जबकि हमने कुशेश्वरस्थान से अपना उम्मीदवार उतारने का ऐलान पहले ही कर दिया था, जिसकी सूचना सभी को है.' उन्होंने आगे कहा,'कांग्रेस का चुनाव अभियान कुशेश्वरस्थान से प्रारंभ हो चुका है. इस बीच, हमारी पार्टी कल प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करेगी.'
महागठबंधन में टूट!
कांग्रेस नेता ने कहा, 'अभी जिस तरह की दुर्भागयपूर्ण स्थिति बनी हुई है, ऐसे में हम दोनों सीट पर अपने प्रत्याशी उतार सकते हैं. आरजेडी को दोनों जगह लड़ना है तो कांग्रेस भी दोनों जगह लड़ेगी, इसे दोस्ताना संघर्ष समझें या महागठबंधन में टूट समझें.'
कांग्रेस अपनी ज़िद पर अड़ी!
वहीं, जब अशोक राम से जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) के बात पर प्रतिक्रिया मांगी गई कि सीट पर सभी नेताओं से बात हुई है, तो उन्होंने कहा, 'ऐसा कुछ नहीं है. बिहार कांग्रेस प्रभारी ने लालू यादव से मुलाकात की थी और बात लगभग तय थी. बावजूद इसके आरजेडी ने प्रत्याशी का ऐलान किया.' अशोक राम ने कहा, 'कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और वह अपनी परंपरागत सीट नहीं छोड़ सकती है. इसके लिए पूरी तैयारी पार्टी की तरफ से कर ली गई है.'
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RJD ने कैसे किया प्रत्याशी का ऐलान?
अब अगर अशोक राम के दावों की सही मानें तो सवाल उठता है कि जब लालू यादव (Lalu Yadav) से कांग्रेस नेताओं की बात तय थी तो फिर, आरजेडी द्वारा दोनों सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कैसे हुआ? क्या ये तेजस्वी यादव की ज़िद थी, जिसके आगे पार्टी को झुकना पड़ा? हालांकि, जगदानंद सिंह ने साफ कह दिया कि प्रत्याशियों का ऐलान लालू यादव के कहने पर ही हुआ है.
तेजस्वी को मना नहीं पाए JPN
सूत्रों के अनुसार, तारापुर सीट पर पूर्व मंत्री और लालू के करीबी नेताओं में शुमार जय प्रकाश नारायण यादव (Jai Prakash Narayan Yadav) की बेटी को टिकट देने की बात चल रही थी. लेकिन तेजस्वी इस पर तैयार नहीं थे. हालांकि, जेपीएन यादव ने तेजस्वी को मनाने की भरपूर कोशिश की लेकिन उन्होंने रिस्पांड नहीं किया.
तेजस्वी ही लालू यादव के उत्तराधिकारी!
हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि लालू यादव के बाद तेजस्वी ही पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं और वही अब पार्टी की तरफ से सीएम फेस हैं, जो तेजस्वी को लालू यादव का उत्तराधिकारी बताने के लिए काफी है. सूत्रों की मानें तो, लालू के सेहत से कमजोर होने के बाद से तेजस्वी यादव की तमाम छोटे-बड़े फैसलों में राय ली जा रही है.
वहीं, तेजस्वी यादव भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि उनके हर फैसले में लालू यादव की सहमति रहती है. जबकि लालू यादव भी कई बार कह चुके हैं कि उनकी अनुपस्थिति में तेजस्वी ने पार्टी का बहुत अच्छे से नेतृत्व किया है.
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तेजप्रताप यादव ने लगाया है आरोप
इस बीच, शनिवार को लालू यादव के बडे़ बेटे तेजप्रताप यादव ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने राजद प्रमुख को दिल्ली में बंधक बनाया है और वो उन्हें पटना नहीं आने दे रहे हैं. इतना ही नहीं, तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने ये भी कहा कि 4 से 5 लोग आरजेडी अध्यक्ष बनना चाह रहे हैं. हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ये जरूर कहा कि सबको उनका नाम पता है. तेजप्रताप इतने पर ही नहीं रूके, उन्होंने दावा किया कि छात्र जनअधिकार परिषद का सिंबल 'बांसुरी' लालू यादव के कहने पर ही लिया है.
कुल मिलाकर एक तरफ ऐसे संकेत कि तेजस्वी ही पार्टी के सारे फैसले ले रहे हैं और दूसरी तरफ तेजप्रताप का आरोप कि उनके पिता को बंधक बनाया गया है, इन दोनों बातों को मिलाकर देखें तो ऐसा लगता है कि आने वाले समय में पार्टी और परिवार में विवाद और गहरा सकता है.