डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक
बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की 77वीं और 78वीं त्रिमासिक बैठक हुई. इस बैठक का आयोजन पटना के होटल चाणक्य में हुआ.
Patna: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की 77वीं और 78वीं त्रिमासिक बैठक हुई. इस बैठक का आयोजन पटना के होटल चाणक्य में हुआ. बैठक में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) और ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्रवण कुमार मौजूद थे. इसके अलावा सभी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी और बिहार सरकार के कई आला अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए.
वहीं, बैंक के अधिकारी और जिलाधिकारी बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े हुए थे. इस बैठक में पिछली बार जो टास्क दिया गया था, उस पर चर्चा की गई. सीडी रेशियो, किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के साथ बैंकों की शाखाओं को लेकर भी चर्चा हुई.
इस दौरान बैठक में कहा गया कि सरकार इस समय डिजिटल लेनदेंन पर ध्यान देना चाहती है, इसी वजह से इसको लेकर भी रणनीति तैयार की गई है. सरकार लगातर निवेश लाने को लेकर कोशिश कर रही है, ऐसे में सरकार का ध्यान बैंक के सकारात्मक रुख की तरफ है.
गौरतलब है कि बिहार में अभी भी सीडी रेशियो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने भी कई बार अपनी नाराजगी जताई है. बिहार में ग्रामीण इलाकों में दूसरे राज्यों की तुलना में बैंकों की शाखाएं काफी कम देख गए हैं. सरकार लगातार दबाव बना रही है कि बैंक के शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक खोलें जाएं. जिससे बिहार में बैंकों का निवेश अधिक हो और अधिक से अधिक बैंक लोन दें पाए. इस साल बैंकर्स कमेटी की पहली बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई थी. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में बैठक हुई थी.
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वहीं, बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि गरीब पैसे चुकाते है. बड़े व्यपारी पैसे डकार जाते हैं. इसके बाद भी बैंक इन गरीबों के लेंन-देने में कोई ही रूचि नहीं दिखाते हैं. बैंक गरीबो को आवास बनाने में ही मदद नहीं करती है.सरकार रोजगार देना चाहती है, लेकिन आपसे सहयोग नहीं मिलता है.
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इसके अलावा बैठक में बताया कि खाते को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़ने की रफ्तार बढ़ाई गई है. इस दौरान 10 करोड़ से अधिक बैंक खाते में से 6 करोड़ 37 लाख मोबाइल नंबर से जुड़ गए हैं. इसके अलावा 8 करोड़ 13 लाख बैंक खाते आधार से जुड़े हैं.