Chapra: बिहार के छपरा में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर लाभार्थियों से पैसे मांगने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक लाभार्थी से घूस की डिमांड की गई थी. जिसके बाद पैसे न देने पर प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त रोक दी गई.


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यह मामला छपरा के मशरक प्रखंड के सोनौली पंचायत ग्राम के अनुसूचित जनजाति मोहल्ला का है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास राशि दी जाती है. इसके तहत पहली किश्त 40 हजार रुपये लाभार्थियों के खाते में दी जाती है. इसके बाद दूसरी किस्त देने से पहले आवास पर्यवेक्षक के द्वारा लाभार्थियों के घर की जांच की जाती है. इसी संदर्भ में आवास योजना के लाभ उठाने वाली सविता देवी पति मुकेश राम, दिव्या देवी पति दिनेश राम, गीता देवी पति संजय राम, समलावती देवी पति अमरदीप राम, लखन राम पिता स्वर्गीय कंचन राम, पूनम देवी पति दिलीप राम के द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं. 


आवास पर्यवेक्षक पर घूस के आरोप
लाभार्थियों का आरोप है कि दूसरी किस्त राशि देने के संदर्भ में आवास पर्यवेक्षक के द्वारा घूस के तौर पर मोटी रकम की डिमांड की गई. इस संदर्भ में लाभार्थियों के द्वारा कहा गया कि योजना से मिलने वाली राशि में से अगर घूस के तौर पर पैसा दे दिया जाएगा तो आवास निर्माण का कार्य पूरा कैसे होगा. लाभार्थियों के लिए लगाए गए आरोप के अनुसार आवास पर्यवेक्षक ने कहा कि वह कुछ नहीं जानता अगर पैसा नहीं दिया जाएगा तो आप लोगों की दूसरी किस्त आपके खाते में नहीं पहुंचेगी. प्रधानमंत्री आवास योजना लाभार्थियों के द्वारा घूस की राशि नहीं दी गई, उसके बाद जांच के क्रम में लाभार्थियों के नाम पर दो मंजिला मकान और चार पहिया गाड़ी, गलत रिपोर्ट बनाकर आवास योजना की राशि रुकवा दी गई. लाभार्थियों का कहना है कि यह पूरी तरह से गलत है.  


योजना लाभार्थियों ने की जांच की मांग
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाने वाले लाभुकों के द्वारा वरीय पदाधिकारी से वास्तविकता की जांच करने की मांग की जा रहा है. इस मामले में पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि इम्तियाज खान उर्फ चुन्नू बाबू से बात की गई, उन्होंने बताया कि लाभार्थियों के द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है. उन्होंने इस संदर्भ में आवास पर्यवेक्षक मनीष गुप्ता से बात की है. मनीष गुप्ता ने कहा कि जिस राशि की मांग की गई है यदि वह नहीं दी जाएगी तो लाभार्थियों की दूसरी किस्त उनके खाते में नहीं पहुंचेगी. 


मुखिया प्रतिनिधि इम्तियाज खान ने कहा कि अगर लाभुक गलत हैं तो पहले किस्त की राशि आवंटन क्यों किया गया. इस बात पर पर्यवेक्षक महोदय के द्वारा मुखिया प्रतिनिधि से बातचीत के क्रम में अभद्र व्यवहार किया गया. इस संबंध में मुखिया प्रतिनिधि के द्वारा इसकी शिकायत फोन के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी से की गई. प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा मामले को अपने संज्ञान में न लेते हुए टालमटोल कर दिया गया. मुखिया प्रतिनिधि इम्तियाज खान ने इस मामले की जांच वरीय पदाधिकारी से करवाना चाहते हैं जिससे पूरा मामला स्पष्ट हो सके.


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