नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर सदन में फर्जी डाटा पेश करने का आरोप लगाया. उन्होंने मनरेगा में काम देने के मुद्दे पर सरकार को घेरा. तेजस्वी ने कहा कि सरकार के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 62 लाख 9 हजार व्यक्तियों ने काम की मांग की थी.
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पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. रोज नए मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहता है. आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन में मनरेगा में नौकरी का मुद्दा उठाया. जिसपर जमकर हंगामा हुआ.
मनरेगा पर महासंग्राम
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर सदन में फर्जी डाटा पेश करने का आरोप लगाया. उन्होंने मनरेगा में काम देने के मुद्दे पर सरकार को घेरा. तेजस्वी ने कहा कि सरकार के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 62 लाख 9 हजार व्यक्तियों ने काम की मांग की थी. जिसमें से 61 लाख 97 हजार को काम मिला. यानि देश में सबसे अधिक 99.81% व्यक्तियों को काम मिला.
तेजस्वी ने आकंड़ों से सरकार को घेरा
साथ ही तेजस्वी ने मनरेगा की साइट पर दिए डाटा का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि साइट पर कुल एक्टिव वर्कर्स 94 लाख 66 हजार हैं. जिसमें से 45 लाख 67 हजार लोगों को काम मिला. वहीं सिर्फ 14,590 लोगों को ही 100 दिन का काम मिला.
रोजगार के नाम पर धांधली
उन्होंने कहा कि बिहार में टोटल 3 करोड़ 21 लाख 76 हजार 983 वर्कर्स हैं. जिसमें मात्र 29.42% यानि 94 लाख 66 हजार 19 लोग ही एक्टिव हैं. बाकियों को सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है.
मनरेगा की साइट का दिया हवाला
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 1. 53 करोड़ लोगों ने सरकार से रोजगार मांगा था. सरकार कह रही है कि 62 लाख 9 हजार लोगों ने काम मांगा और आपने 99.81% लोगों को काम दिया. लेकिन, आपका ही रियल टाइम डाटा कह रहा है कि केवल 45 लाख 67 हजार लोगों को ही काम मिला.
फर्जी डाटा पर किए सवाल
तेजस्वी ने कहा कि बिना आंकड़ों के वो बात नहीं करते. मंत्री अभी अपने अधिकारियों को बुलाकर सामने बिठाकर यह आंकड़ा दिखाएं. उन्होंने सवाल किया कि सरकार सदन में झूठ क्यों बोलती है? झूठे आंकड़े क्यों परोसती है? अगर सदन में भी झूठ बोला जाएगा तो जनता क्या करेगी?
(इनपुट-रूपेंद्र श्रीवास्तव)