Patna: ललन सिंह के नेतृत्व वाली जेडीयू अभी से 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी है. पार्टी की ओर से प्रमंडलवार अपने संगठन की समीक्षा की जा रही है. समीक्षा के पहले ही दिन पार्टी के नेताओं को हर दिन चुनाव के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. कार्यकर्ताओं के साथ उन्हें बेहतर तालमेल बैठाकर आगे की रणनीति तय करने का लक्ष्य दिया गया. 


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बिहार में होगा मध्यावधि चुनाव?
इसके साथ ही, बूथ स्तर तक पार्टी कैसे मजबूत हो इसपर मंथन किया गया. जिसके बाद बिहार के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. विपक्ष ने इसे मध्यावधि चुनाव का संकेत बताया है. जबकि बीजेपी ने दावा किया है कि उनके भी कार्यकर्ता हर समय चुनाव के लिए तैयार रहते हैं. 


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बूथ स्तर तक पार्टी की मजबूती की बनी रणनीति
प्रमंडल स्तर पर चल रही जेडीयू की बैठक सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है. 18 सितंबर को जेडीयू की हुई पहली बैठक हुई. जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के साथ तिरहुत दरभंगा सारण पटना प्रमंडल के 49 एमएलए और पूर्व प्रत्याशी शामिल हुए. मीटिंग में पार्टी के नेताओं को हर दिन चुनाव के लिए तैयार रहने के निर्देश गया है. बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है. 


JDU ने शुरू की लोकसभा-विधानसभा चुनाव की तैयारी
नेताओं से कहा है कि चुनाव खत्म हो गया हमारी सरकार बन गयी, उसके बाद भी हमें निश्चिंत नहीं रहना है. हमें हर दिन चुनाव के लिए तैयार रहना है ताकि 2024 और 2025 में कोई परेशानी न हो. कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य बैठाने का निर्देश भी दिया गया है. जेडीयू की मीटिंग से निकलकर आ रही खबरों ने सियासी गलियारे का पारा गर्म कर दिया है.  


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'JDU के शीर्ष नेताओं में समन्वय की कमी'
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि ललन सिंह (Lalan Singh), उपेंद्र कुशवाहा और आरसीपी सिंह (RCP Singh) में खुद समन्वय नहीं है और वो पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं को सामंजस्य बनाने बोल रहे हैं. इन्हें पहले अपने स्तर पर समन्वय बनाना चाहिए. ललन सिंह ने खुद ये मान लिया है कि चुनाव कभी भी हो सकता है. बीजेपी के साथ उनकी यारी लाचारी में ही है. बिहार में किसी भी दिन किसी भी वक्त मध्यावधि चुनाव हो सकता है.


BJP-JDU में होगा अलगाव!
वहीं, जेडीयू की बैठक पर आरजेडी विधायक राहुल तिवारी ने कहा बीजेपी-जदयू में सब ठीक नहीं चल रहा ये हमलोग पहले से कह रहे हैं. बीजेपी कभी भी जेडीयू का साथ छोड़ सकती है. जेडीयू को अकेले चुनाव लड़ना पर सकता है. जेडीयू की साख जनता में खत्म हो चुकी है और वो बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है इसलिए अपनी मजबूती का रास्ता तलाश रही है. 


'हर दल संगठन की मजबूती के लिए करता है काम'
इधर, जेडीयू की मीटिंग पर बीजेपी बहुत संभलकर प्रतिक्रिया दे रही है. बीजेपी नेता नवल यादव ने कहा है कि हर दल अपनी बेहतरी के लिए संगठन को मजबूत करने की कोशिश करता है. जेडीयू भी कर रही, इसमें हैरान होने वाली बात नहीं है. बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता भी हर दिन चुनाव के लिए तैयार रहते हैं. 


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क्या हमें ये तय करना चाहिए कि 420 कैसे हो जाएं?
जेडीयू की मीटिंग पर सवाल खड़े करने को लेकर नीरज कुमार ने विपक्ष पर हमला बोला है. नीरज कुमार ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से ही ललन सिंह 2010 के लक्ष्य को हासिल करने के अभियान में जुट गए हैं. पुराने कार्यकर्ता जो सुस्त पर गए थे उनको एक्टिव किया जा रहा है. JDU ने पार्टी की मीटिंग में अपने लिए लक्ष्य तय किए हैं. अगर हम अपना लक्ष्य नहीं तय करें तो क्या तय करें? क्या हमें ये तय करना चाहिए कि हम जेल कैसे चले जाएं? क्या हमें ये तय करना चाहिए कि 420 कैसे हो जाएं? कहीं कोई मनभेद मतभेद नहीं है.