पटनाः Yogini Ekadashi 2022: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जानते हैं. यह तिथि आज ही यानी कि इस बार योगिनी एकादशी 24 जून को है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा व उनके लिए व्रत किया जाता है. सालभर में 26 एकादशियां पड़ती है और सभी का अपना अलग महत्व होता है. उन्हीं एकादशी में से योगिनी एकादशी का भी अलग महत्व है. शास्त्रों में कहा गया है कि योगिनी एकादशी के दिन व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है. साथ ही जातक को बैकुंठ की प्राप्ति होती है.


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आज है खास संयोग
इस बार यह एकादशी, जिसे योगिनी एकादशी कहा जाता है, वह शुक्रवार को पड़ रही है. शुक्रवार देवी लक्ष्मी का दिन है. यह एक अच्छा संयोग है कि विष्णु पूजा के दिन ही देवी लक्ष्मी की पूजा का भी योग है. शुक्रवार को ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा. इस वजह से योगिनी एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी के साथ ही शुक्र ग्रह की पूजा के लिए ये शुभ योग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू किए गए शुभ काम और पूजा-पाठ जल्दी सफल होते हैं. 


जरूर करें लक्ष्मी-नारायण की आरती
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और धन- लाभ होता है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में  पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस साल योगिनी एकादशी 24 मई को है. समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें. 


इस विधि से करें पूजा
योगिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी स्नान करें. फिर भगवान के दर्शन करके एकादशी व्रत का संकल्‍प लें. पीले वस्‍त्र पहनकर भगवान विष्‍णु की पूजा करें. उनका गंगाजल से अभिषेक करें. चंदन, अक्षत, धूप-दीप से पूजा करें. फूल-फल अर्पित करें. भगवान विष्‍णु को तुलसी दल जरूर अर्पित करें. एकादशी व्रत की कथा पढ़ें. इस दिन भगवान‍ विष्‍णु के साथ-साथ माता लक्ष्‍मी की भी पूजा करें. ऐसा करने से जातक को अपार धन लाभ होता है.