निखिल आनंद ने कहा कि, आरजेडी का चुनाव चिन्ह ओल्ड मॉडल पुरानी है और पार्टी को अब कोई मॉडर्न चुनाव चिन्ह ढूंढ लेना चाहिए. क्योंकि लालटेन 2019 में बुझ चुका है.
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पटना: कोरोना (Corona) काल के बीच, विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Chunav) के मुहाने पर खड़ी बिहार में राजनीति अपने चरम पर है. बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू (JDU) नेता नीरज कुमार ने एक बार फिर आरजेडी पर निशाना साधा है. नीरज कुमार ने कहा है कि, जनता ने 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी (RJD) को '0' पर आउट कर दिया था. बिहार में घर-घर बिजली और गैस पहुंच गया है तो, लालटेन की उपयोगिता अब नहीं रही.
उन्होंने कहा, 'लालटेन लेकर मानसिक तनाव में अब लोग नहीं रहेंगे. जिनका चुनाव चिन्ह है, वह कैद हैं और दागी-सजायाफ्ता हैं. जनता कैदी राज को पसंद नहीं करेगी बल्कि जनता कानून के राज को पसंद करेगी. लालटेन बुझ चुका है और केवल राजनीति की दुकान चल रही है.'
वहीं, बीजेपी (BJP) ने भी आरजेडी पर निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, 'आरजेडी का चुनाव चिन्ह ओल्ड मॉडल पुरानी है और पार्टी को अब कोई मॉडर्न चुनाव चिन्ह ढूंढ लेना चाहिए. क्योंकि लालटेन 2019 में बुझ चुका है और अब जितना भी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) जलाने की कोशिश करें, जलने वाला नहीं है.'
इधर, आरजेडी के विधायक भोला यादव ने एनडीए (NDA) पर पलटवार किया है. उन्होंने ने कहा, 'आरजेडी का चुनाव चिन्ह लालटेन है और निर्वाचन आयोग ने जो आवंटन किया उसमें हरिकेन लैंप दीया है. जो आंधी तूफान में भी ना बूते. लालू यादव (Lalu Yadav) ने लालटेन को चुना, क्योंकि आरजेडी के वोटर गरीब और समाज के निचले तबके के लोग हैं और वह लालटेन का सहारा लेते हैं.'
भोला यादव ने कहा कि, बिजली कटती है तो लालटेन का सहारा मुख्यमंत्री भी लेते होंगे और उपमुख्यमंत्री भी लेते होंगे. एलईडी संपन्न लोगों के लिए है और एनडीए के नेता एलईडी (LED) की बात कर गरीबों का दरकिनार करने की बात कर रहे हैं. लालटेन छोटी-मोटी हवाओं से बुझ ने वाला नहीं है. एनडीए के लोग जो बोल रहे हैं और छोटी-मोटी हवाओं से भी नीचे है. अब एनडीए अपने विदाई का खुद समारोह मनाने की तैयारी में लग गई है.