उन्होंने कहा कि पार्टी कोई भी हो पर जनता जरूर सवाल पूछेगी कि ओबीसी जातियों क्या वोट लेने के वक्त सभी पार्टी सभी नेता आगे आते हैं हालांकि पूरे साल इनसे इनका हाल-चाल तक नहीं पूछा जाता है.
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नेहा कुमारी, पटना: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने वाले हैं. सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर से चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. वहीं, बीजेपी (BJP) नेता रामेश्वर चौरसिया ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जीतन राम मांझी, फराज फातमी हो या फिर चंद्रिका राय हो. ये सभी एकमात्र जातीयता के आधार पर नहीं बल्कि उसको बिहार विकास के तौर पर देखना चाहिए समाजवादियों का शुरू से यह रवैया रहा है कि चुनाव आते ही वह इधर उधर जाते हैं. हालांकि इस से ऊपर उठकर हमें बिहार के विकास के बारे में सोचना चाहिए. यादव-मुस्लिम के बारे में हर बार बात की जाती है.
लेकिन ओबीसी जो अति पिछड़ा वर्ग है उसके बारे में बातचीत नहीं होती है और करीब फीसदी वोट बैंक ओबीसी का है जिनकी कोई बातचीत कोई सुध लेने वाला नहीं है. कर्पूरी ठाकुर के बाद ओबीसी से कोई नेता आगे नहीं आया.
उन्होंने कहा कि पार्टी कोई भी हो पर जनता जरूर सवाल पूछेगी कि ओबीसी जातियों क्या वोट लेने के वक्त सभी पार्टी सभी नेता आगे आते हैं हालांकि पूरे साल इनसे इनका हाल-चाल तक नहीं पूछा जाता है. इनकी हालत अभी भी वैसे ही है.
वहीं, दलित ग्राफ नीचे जाने पर रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि बिहार के विकास की अगर कोई बात करेगा तभी बिहार में विकास होगा लेकिन यहां जाति के आधार पर बात होती है और वह भी सिर्फ मुस्लिम और यादव की. बिहार में और भी लोग हैं खासतौर पर अति पिछड़ा वर्ग जिसकी कोई बात नहीं करता है.