कुमार चंदन, रांची : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 19 जनवरी को संथाल फतह करने की रणनीति बनाने के लिए गोड्डा आ रहे हैं. संथाल में लोकसभा की कुल तीन सीटें हैं. इनमें से दो राजमहल और दुमका सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का कब्जा है. संथाल को जेएमएम का गढ़ भी माना जाता है, जिसे ध्वस्त करने का इरादा लेकर बीजेपी अध्यक्ष यहां आ रहे हैं.
मिशन-19 का शंखनाद हो चुका है. बस चुनावी बिगुल बजना भर बांकी है. लोकसभा चुनाव में तमाम दलों के लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण हो गया है. झारखंड में लोकसभा की कुल 14 सीटें हैं. इनमें से 12 पर बीजेपी का कब्जा है. इस बार बीजेपी सभी 14 सीट जीतने की रणनीति बना रही है.
इस सपने को साकार करने की मंशा लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 19 जनवरी को संथाल आ रहे हैं. अमित शाह लगभग 40 हजार पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेगें और संथाल की सभी तीन सीट जीतने के साथ सभी लोकसभा सीट को बीजेपी के खाते में डालने का मंत्र देगें. बीजेपी के नेता भी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे को लेकर काफी उत्साहित हैं.
बीजेपी की चिंता 2019 में दिल्ली की सत्ता बचाने और नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाने की है. दूसरी तरफ बीजेपी को रोकने के लिए तमाम विरोधी दल अपने-अपने तरीके से गठबंधन की सियासत को साधने में लगी है. संथाल को अपना गढ़ मानने वाले जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमन्त सोरेन के मुताबिक, यहां बीजेपी की सियासी दाल नहीं गलेगी. उन्होंने बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क बताते हुए कहा कि देश की जनता ने बीजेपी को नकार दिया है.
लोकसभा चुनाव से पहले सियासी समीकरण को साधने की सियासत झारखंड में भी देखने की मिल रही है. बीजेपी की प्राथमिकता में संथाल फतह है. इसके लिए सत्ता पर काबिज होने के साथ ही सूबे के मुखिया रघुवर दास ने भी संथाल में ना सिर्फ विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया है, बल्कि जब भी मौका मिला है संथाल की धरती पर पहुंचते रहे हैं. अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 19 जनवरी को चुनावी होमवर्क करने संथाल के गोड्डा लोकसभा पहुंच रहे हैं.