रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections 2019) का बिगुल बज चुका है. सभी पार्टी अपनी-अपनी तैयारी में जुट गई है. सभा पार्टियों में दावेदारों की भी लंभी फेहरिस्त है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए आवेदन शुल्क के तौर पर 51 हजार रुपए की भारी भरकम राशि तय की है. यह बात सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को रास नहीं आई. बीजेपी ने इसे आदिवासियों से जोड़ दिया है.


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बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने जेएमएम पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि गरीब आदिवासियों के हक की झूठी बातें करने वाली पार्टी जेएमएम ने टिकट की बोली लगाकर लोकतंत्र को तार-तार कर दिया.


प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कि जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन ने जिन गरीबों के लिए आज से 50 वर्ष पूर्व लड़ाई लड़ी थी, आज उन्हीं गरीब आदिवासी मूल वासियों के हक को उनकी पार्टी मारने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जेएमएम के वर्तमान नेतृत्व ने यह कभी नहीं चाहा कि समाज में अंतिम पंक्ति में खड़ा आदिवासी मूलवासी राजनीतिक रूप से सशक्त हो. इसलिए इन वर्गों में भी क्रीमी लेयर को आगे लाकर टिकट देना चाहते हैं. 


बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि गरीब आदिवासी मूल वासियों के उत्थान से इन्हें कोई मतलब नहीं है. तभी तो झारखंड मुक्ति मोर्चा 51000 रुपए का भारी भरकम शुल्क आवेदन के नाम पर वसूल रही है. टिकट मिलने के बाद पता नहीं कितने लाख रुपए लिए जाएंगे, यह अभी तक उन्होंने क्लियर नहीं किया है.


उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ बीजेपी में अंतिम पंक्ति में खड़े कार्यकर्ताओं की भी बहुत इज्जत होती है. चुनाव लड़ने के समान मौका मिलता हैं. हमारी पार्टी आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं ले रही है. रायशुमारी के जरिए पूरे प्रदेश से कार्यकर्ताओं की राय को भी बहुत महत्व दिया जा रहा है. ये सारी चीजें बीजेपी के आंतरिक लोकतंत्र को दिखाता है.