मकर संक्रांति को लेकर तिलकुट बाजार में रौनक, दूध कंपनी में चल रहा दिन-रात काम
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मकर संक्रांति को लेकर तिलकुट बाजार में रौनक, दूध कंपनी में चल रहा दिन-रात काम

ये उम्मीद तब है जब संकट काल कोरोना का है. तिलकुट के बाजार ने भी कोरोना काल को मात देकर मकर संक्रांति के अवसर चार चांद लगाने की तैयारी कर ली है.  

मकर संक्रांति को लेकर तिलकुट बाजार में रौनक, दूध कंपनी में चल रहा दिन-रात काम.

पटना: मकर संक्रांति की तैयारी पूरी हो चुकी है. दूध दही से लेकर चूड़ा गुड़ तक के बाजार परवान पर हैं. लोगों को दूध दही की किल्लत न हो इसके लिए बिहार कंफेड की ओर से पूरी रणनीति तैयार की गयी है. इस बार पिछली बार की तुलना में दूध और दही को लेकर ज्यादा खपत की उम्मीद लगायी जा रही है. 

ये उम्मीद तब है जब संकट काल कोरोना का है. तिलकुट के बाजार ने भी कोरोना काल को मात देकर मकर संक्रांति के अवसर चार चांद लगाने की तैयारी कर ली है.  

मकर संक्रांति की तैयारी
कोरोना काल में बिहार ने मकर संक्रांति मनाने की तैयारी पूरी कर ली है. दूध, दही, तिलकुट, चूड़ा, गुड़ का बाजार अपने परवान पर है. इस बार लोग दो दिन मकर संक्रांति मनाने की तैयारी कर रहे हैं. यानी 14 और 15 जनवरी को मकर संक्रांति की धूम रहेगी. 

दरअसल, इस बार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 13 तारीख की रात 2 बजे के आसपास होगा. नियम के मुताबिक जब संक्रांति होती है तब उसका शुभ दिन एक दिन बाद माना जाता है. इसलिए लोग 15 तारीख को भी मकर संक्रांति मनाने की तैयारी कर रहे हैं. इधर, जैसे-जैसे मकर संक्रांति का दिन नजदीक आ रहा है, बाजार की रौनक भी बढ़ती जा रही है. पटना में बाजार में कुछ ज्यादा ही चहल पहल देखने को मिल रही है. 

तिलकुट बाजार में रौनक
पटना के मीठापुर मंडी में तिल कुटाई का काम जोर शोर से चल रहा है. अक्टूबर महीने से ही दुकानदार तिलकुट बनाने के काम में जुट गये हैं और फरवरी महीने तक बाजार में रौकन बनी रहेगी. इसलिए काम दिन रात जारी है. तिलकुल के लिए पटना का भोन्दू साव का दुकान काफी फेमस है. यहां 80 सालों से तिलकुल बनाने का काम चल रहा है. मार्केट की डिमांड के मुताबिक चीनी गुड सुगर फ्री तिलकुल लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है. 

तिलकुट का रेट दो सौ से लेकर साढे तीन सौ रुपये किलो रखा गया है. दुकान के प्रोपराईट निखिल बताते हैं कि कोरोना का असर बाजार पर नहीं दिख रहा. पिछली बार की ही तरह तिलकुट इस बार बिके हैं. लोगों की सबसे ज्यादा डिमांड सुगर फ्री तिलकुट को लेकर ही है. 

चूडा बाजार में रौनक
तिलकुट बाजार के साथ-साथ रौनक चूड़ा बाजार में भी देखने को मिल रही है. आलम ये है कि बाजारों में चूड़े के बोरे उतरने का सिलसिला लगातार जारी है. पटना के चूड़ा व्यवसायी मुरारी बताते हैं कि उनके पास मार्केट के डिमांड के मुताबिक चूड़ा उपलब्ध है. मकर संक्रांति के वक्त तीन तरह के चूडों की डिमांड ज्यादा होती है. बासमती कतरनी और हजारा. बासमति चूडा बाजार में सबसे ज्याद 65 सौ रुपये क्विंटल उपलब्ध है. वहीं कतरनी 42 सौ रुपये और हजारा 28 सौ रुपये क्विंटल बिक रहा है. 

स्पेशल भूरे की डिमांड
मकर संक्रांति में चूड़ा दही के साथ लोग चीनी की जगह गुड़ या भूरे का इस्ताल ज्यादा पसंद करते हैं. चूड़ा के साथ गुड़ और भूरा की भी डिमांड मार्केट में है. लोग मकर संक्रांति में गुड़ से ज्यादा भूरा को खाना पसंद करते हैं. इसलिए दुकानदार अपने ग्राहकों कि डिमांड के मुताबिक इस बार स्पेशल भूरा भी बेच रहे हैं. 

दुकानदार मनोज कुमार बताते हैं कि मार्केट में स्पेशल भूरा सिर्फ वहीं मंगवाते हैं. बाजार में दो तरह का भूरा उपलब्ध है. एक साधराण भूरा है जो 50 रुपये किलो बिकता है और दूसरा स्पेशल भूरा है जो 70 रुपये किलो बिकता है. स्पेशल भूरा में सौंफ इलायची का मिश्रण टेस्ट बढाने के लिए किया जाता है. वहीं साधारण गुड़ 38 से 40 रुपये किलो बिक रहा है.  

दूध दही की बहेगी गंगा
मकर संक्रांति में जिस तरह तिल चूड़ा गुड़ की अपनी अहमियत है, उसी तरह दूध और दही का भी अपना खास स्थान है. बिन दूध दही के मकर संक्रांति त्योहार अधूरा हो जाएगा. इसलिए दूध और दही की किल्लत आम लोगों को न हो इसके लिए तैयारी भी बड़े पैमाने पर की जा रही है. बिहार सरकार की सहकारी संस्था कम्फेड इसका खासतौर पर ख्याल रख रही है. 

कंफेड की भरोसेमंद यूनिट सुधा में इन दिनों दिन रात काम चल रहा है. खास बात ये है कि पिछली बार की तुलना में इसबार पांच लाख लीटर दूध ज्यादा खपत होने का अनुमान है. उसी तरह दही भी एक लाख किलोग्राम ज्यादा खपत होगा. बाजार में दूध दही की उपलब्धता बनी रहे इसके लिए सुधा मैनेजमेंट दिन रात लगा है. 

दूध कंपनी में चल रहा दिनरात काम
पटना सुधा के एमडी एस एन ठाकुर की मानें तो इस बार 9 जनवरी से 14 जनवरी तक 35 लाख लीटर दूध पटना और उसके आसपास के जिलों में सप्लाई करने की तैयारी है. साथ ही 6 लाख किलोग्राम दही भी रिटेल चेन के जरिये लोगों तक पहुंचाई जाएगी. पटना, आरा, हाजीपुर, बिहाशरीफ, सारण जिलों में दूध की सप्लाई होगी. दही जमाने के लिए डेनमार्क से मंगवाए जोडन का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

बाजार में सौ ग्राम से लेकर 18 किलो के पैक में दही आम लोगों के लिए उपलब्ध होंगे. कंपनी की ओर से इस बार खोवा का तिलकुल भी बाजार में उतारा जा रहा है जो 5 सौ रुपये में आधा किलो की मात्रा में उपलब्ध होगा. कंपनी के फैक्ट्री मैनेजर रूपेश राज ने बताया कि दूध और दही की सप्लाई के लिए पूरी गुणवत्ता का ख्याल रखा जा रहा है. 

पतंग बाजार में सन्नाटा
मकर संक्रांति में एक परंपरा पतंगबाजी की भी रही है. लोग चूडा दही तिलकुट खाने के बाद पतंगबाजी भी करते हैं. पतंगबाजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पटना में पतंग के दुकान भी सजे हैं, लेकिन पतंग की दुकान में सन्नाटा पसरा हुआ है. दुकानदार को ये समझ नहीं आ रहा कि इस बार बच्चे पतंग खरीदने क्यों नहीं आ रहे. 

हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि अभी मकर संक्रांति में कुछ दिन शेष हैं. बचे दिनों में पतंग और मांझे जरुर बिक जाएंगे. पतंगबाजी पर इस बार कोरोना का साफ असर देखने को मिल सकता है.