आनंद किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि 2014-2015 में बिहार बोर्ड देश और विदेश में बदनाम हुआ था. 2017-2018 में बिहार बोर्ड ने कड़ाई की और जहां पहले 60% बच्चे पास होते थे वहीं अब 35% पास होते हैं जो कड़ाई का नतीजा है.
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पटना: 6 जून को बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट रिजल्ट की घोषणा के बाद बीएसईबी अध्यक्ष आनंद किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस मे इंटरमीडिएट के रिजल्ट पर बात कि और कहा कि 2014-2015 में बिहार बोर्ड देश और विदेश में बदनाम हुआ था. 2017-2018 में बिहार बोर्ड ने कड़ाई की और जहां पहले 60% बच्चे पास होते थे वहीं अब 35% पास होते हैं जो कड़ाई का नतीजा है.
आनंद किशोर ने कहा, 'इस बार पैटर्न बदले जाने के बाद भी 52% पास प्रतिशत रहा है फिर भी फेल बच्चे सड़कों पर उतर रहे हैं. जो बच्चे यह आरोप लगा रहे हैं कि उनको फूल मार्क्स से ज्यादा नंबर मिले हैं वह पैटर्न बदलने के कारण हुआ है. जो छात्र दुबारा परीक्षा देते हैं और उनके जिस विषय में नंबर कम हैं उसमें पिछले साल के नंबर को जोड़ दिया जाता है.'
साथ ही आनंद किशोर ने ये भी कहा कि जो भी बच्चे IIT पास कर चुके हैं लेकिन इंटरमीडिएट में फेल हो गए हैं वह स्क्रूटनी करा सकते हैं जिससे उनकी कॉपी में सुधार किया जाएगा. साथ ही आनंद किशोर ने यह भी कहा कि जो NEET या IIT की परीक्षा में पास कर चुके हैं वो स्क्रूटनी के कॉलम में लिख दें तो उनकी समस्या बहुत ही जल्द हल की जाएगी.
आनंद किशोर ने कहा, 'स्क्रूटनी के लिए दो दिन में 52 हजार से अधिक आवेदन आए हैं. बिहार बोर्ड अब आने वाले समय में मार्क्स में मॉडरेशन करेगा.' साथ ही आनंद किशोर ने यह भी कहा कि नाम और विषय में गलतियां स्कूल की तरफ से फॉर्म भरने के दौरान की गई है.
आपको बता दें कि इस साल इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल हुए छात्रों में 52.9 प्रतिशत छात्र सफल हुए हैं. कार्मस में 82 प्रतिशत, साइंस में 45 प्रतिशत और आर्ट्स में 42 प्रतिशत छात्र सफल हुए है. इस परीक्षा में कुल 12,07,975 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. आर्ट्स में 4,55,971, कॉमर्स में 51,325 और साइंस में 6,99,851 छात्र शामिल हुए थे. वहीं, वोकेशनल विषय में कुल 831 छात्र शामिल हुए थे. बीएसईबी लगातार इंटरमीडिएट रिजल्ट की घोषणा के बाद विवादों में घिरी थी.