झारखंड : कोडरमा में गरीबों के तन को ढकने खुला कपड़ों का शोरूम, फ्री में मिलेंगे ड्रेस
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झारखंड : कोडरमा में गरीबों के तन को ढकने खुला कपड़ों का शोरूम, फ्री में मिलेंगे ड्रेस

गरीबों के लिए बनाया गया कपड़ों का शोरूम सप्ताह के हर मंगलवार को चार घंटे के लिए खोला जाएगा.

इस दीपावली कोडरमा में गरीब लोग भी पहन सकेंगे नए कपड़े.

कोडरमा : झारखंड के कोडरमा में अब हर गरीब लाचार और बेबस लोगों के तन पर कपड़ा होगा. यह जिम्मा उठाया है मारवाड़ी युवा मंच ने. झुमरी तिलैया में मारवाड़ी युवा मंच ने कपड़ों से भरा एक शोरूम तैयार किया है जहां कोई भी गरीब और लाचार आकर अपने लिए कपड़े पसंद कर बिना पैसे दिए उसे ले जा सकता है.

कोडरमा के झुमरी तिलैया में रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे कपड़ों के शोरूम की शक्ल में तैयार किया गया आउटलेट सिर्फ और सिर्फ उन लोगों के लिए है जिन्हें अब तक नए और अच्छे कपड़े पहनना नसीब नहीं होता था. 

गरीबों के तन पर अच्छे से अच्छे कपड़े हों और लाचार बेबस लोग भी अच्छे कपड़े पहनकर खुद को समाज का हिस्सा समझे, इसके लिए मारवाड़ी युवा मंच ने नेकी की दीवार कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसके तहत तहत गरीब महिलाओं, बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के बीच नए-पुराने कपड़े वितरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

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गरीबों के लिए बनाया गया कपड़ों का शोरूम सप्ताह के हर मंगलवार को चार घंटे के लिए खोला जाएगा. इस दौरान यहां से जरूरतमंद लोग अपने लिए कपड़े पसंद कर ले जा सकते हैं. फिलहाल इस शोरूम में नए कपड़ों के अलावे पुराने कपड़ों का भी स्टॉक उपलब्ध कराया गया है. अब मारवाड़ी युवा मंच की तैयारी है कि इस शोरूम में सिर्फ नए-नए कपड़ों का ही स्टॉक उपलब्ध रहे और गरीबों के बीच निशुल्क बांटे जाएं.

कार्यक्रम की शुरुआत के मौके पर तकरीबन डेढ़ सौ लोगों के बीच नए और पुराने कपड़ों का वितरण किया गया. इस दौरान अच्छे और महंगे कपड़े पाकर गरीब महिलाएं और बच्चे खुश नजर आए. महिलाओं ने मंच की इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि दीपावाली में बच्चों को नए कपड़े पहनाना नसीब नहीं होता था, लेकिन इसबार अपने बच्चों को नए कपड़े जरूर पहना पाएंगी.

फिलहाल कोडरमा के झुमरी तिलैया में गरीबों के लिए बनाए गए इस कपड़ों के शोरूम में पांच हजार से ज्यादा हर उम्र के लोगों के लिए कपड़ों का स्टॉक उपलब्ध है. इसके साथ ही मंच के लोग लगातार कपड़ों का स्टॉक बढ़ा रहे हैं. मंच का लक्ष्य है कि कोडरमा में हर तन पर कपड़ा हो और समाज में एकरूपता आए.