कांग्रेस नेता पार्टी के संविधान की रक्षा करने में ही ‘विफल’ रहे: निर्मला सीतारमण
Bihar News: भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के फिर से सत्ता में आने पर संविधान को बदल देने के आरोप को गलत बताते हुए मंगलवार को दावा किया कि एक ही परिवार को बढ़ावा देने के लिए वह (कांग्रेस) अपने संविधान की रक्षा करने में ‘विफल’ रही.
पटनाः Bihar News: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के फिर से सत्ता में आने पर संविधान को बदल देने के आरोप को गलत बताते हुए मंगलवार को दावा किया कि एक ही परिवार को बढ़ावा देने के लिए वह (कांग्रेस) अपने संविधान की रक्षा करने में ‘विफल’ रही.
सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि आज कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती है. लेकिन यह पार्टी अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानती. वित्त मंत्री ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन वाले मुसलमानों को पूरा आरक्षण देने की बात करते हैं जो संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में मुस्लिम वर्ग को एससी, एसटी एवं ओबीसी का हिस्सा काट कर आरक्षण दिया गया. उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी का मूलमंत्र सबका विकास है. उन्होंने कहा,‘आज हम 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, इसमें पूर्वोत्तर के राज्य ‘इंजन’ बनेंगे.’
सीतारमण ने आगे कहा कि बिहार में जंगलराज के कारण न केवल कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी. बल्कि आर्थिक रूप से भी राज्य पिछड़ गया था. उन्होंने कहा कि बड़ी मेहनत से बिहार को वहां से बाहर निकाला गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि युवा मतदाताओं को इस दौर के बारे जानना काफी जरूरी है. उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा,‘जब जंगलराज का दौर आया तब राज्य में प्रति व्यक्ति आय उड़ीसा से ज्यादा थी. वर्ष 1991 में उड़ीसा में प्रति व्यक्ति जीडीपी 20591 रुपये थी जबकि बिहार में यह 21282 रुपये थी. जंगल राज शुरू होने के बाद बिहार में 33 फीसदी की गिरावट आई. जबकि उड़ीसा में 31 प्रतिशत बढोतरी हुई.’
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि 2002 में बिहार में यह कम होकर 14209 तक पहुंच गया. सीतारमण ने कहा कि अगर यह जंगलराज नहीं आता तो आज बिहार बहुत आगे होता. वित्तमंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पिछली सरकार की तुलना में राजग की सरकार में बिहार को ज्यादा राशि मिल रही है. उन्होंने कहा कि विशेष दर्जा के लिए केंद्रीय वित्त आयोग की रिपोर्ट में अनुशंसा आनी चाहिए. तभी इसके बारे में विचार-विमर्श किया जा सकता है. बिहार को आर्थिक सहायता और विशेष सहायता पर सीतारमण ने कहा कि 2015 में एक पैकेज बिहार के लिए घोषणा की गई थी और 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया था. बाद में दिन में केंद्रीय वित्त मंत्री ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्यों के साथ बातचीत की. उन्होंने पटना में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सदस्यों को भी संबोधित किया। इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के आवास का दौरा किया और शोक संतप्त परिवारजनों को सांत्वना दी. सुशील कुमार मोदी का पिछले सप्ताह कैंसर से जूझते हुए निधन हो गया था.
इनपुट- भाषा के साथ
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