मांझी की पार्टी ने कांग्रेस को दिखाया आईना, कहा-बिहार में हम से कम है कांग्रेस का वजूद
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मांझी की पार्टी ने कांग्रेस को दिखाया आईना, कहा-बिहार में हम से कम है कांग्रेस का वजूद

हम पार्टी के वरिष्ट नेता पूर्व मंत्री अजित कुमार ने तो यहां तक कह दिया है कि महागठबंधन मे आरजेडी के बाद दूसरी बडी पार्टी हम पार्टी है. जहां तक कांग्रेस का मामला है तो कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है लेकिन बिहार में कांग्रेस का वजूद हम से कम है.

मांझी की पार्टी ने कांग्रेस को दिखाया आईना, कहा-बिहार में हम से कम है कांग्रेस का वजूद

आशुतोष चंद्रा, पटना : बीजेपी को हराने के लिए बिहार में महागठबंधन का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन इस बढ़ते कुनबे के साथ ज्यादा सीट पाने को लेकर टेंशन भी बढ़ रही है. ज्यादा सीट पाने के लिए महागठबंधन के घटक एक दूसरे की हैसियत भी बता रहे हैं. इधर सम्मानजनक सीट की मांग को लेकर हम पार्टी के नेताओं ने आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है. हम पार्टी के वरिष्ट नेता पूर्व मंत्री अजित कुमार ने तो यहां तक कह दिया है कि महागठबंधन मे आरजेडी के बाद दूसरी बडी पार्टी हम पार्टी है. जहां तक कांग्रेस का मामला है तो कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है लेकिन बिहार में कांग्रेस का वजूद हम से कम है.
 
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर टेंशन लगातार बढ़ता जा रहा है. ज्यादा सीट पाने की चाह में हम नेता सहयोगी दल की भी हैसियत को नकारने लगे हैं. हम नेता पूर्व मंत्री अजित कुमार ने तो यहां तक कह दिया है कि बिहार में कांग्रेस का वजूद हम से कम है. अजित कुमार ने चेतावनी दी है कि अगर हम को सम्मानजनक सीट नहीं मिलती है तो पार्टी नये साल के पहले हफ्ते में बडा फैसला ले सकती है.

अजित कुमार ने कहा है कि जब सभी दल 20-20 सीट लेने का दावा करेंगे तो महागठबंधन का मतलब कहां रह जाता है. महागठबंधन का मकसद मोदी सरकार और नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकने का है. ऐसे में सभी दलों को कुर्बनी देनी होगी और हम पार्टी को सम्मानजनक सीट मिलनी चाहिए.

इधर हम पार्टी के बयान के बाद कांग्रेस पूरी तरह से बैकफुट पर आ गयी है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने हम नेता अजित कुमार को पहचनाने तक से इन्कार कर दिया है. मदन मोहन झा ने कहा है कि वो हम में केवल जीतन राम मांझी को जानते हैं. जीतन राम मांझी अगर बयान देते है तो उस बयान का कोई मतलब होता. वहीं मदन मोहन झा ने कहा है कि गठबंधन का हर दल सम्मानजनक सीट चाहता है. ऐसे में अगर किसी भी दल के नेता सम्मानजनक सीट की बात करता है तो इसमें बुरा नहीं हैं.

कुल मिलाकर कहा जाय तो जैसे जैसे सीट शेयरिंग का समय नजदीक आएगा महागठबंधन में टकराव के आसार बढते जाएंगे क्योंकि ग्यारह दलों के बीच 40 सीटों का बंटवारा आसान नहीं.