बिहार में फिर बढ़ने लगे कोरोना के मामले, पिछले 3-4 दिनों में सामने आए इतने पॉजिटिव केस
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बिहार में फिर बढ़ने लगे कोरोना के मामले, पिछले 3-4 दिनों में सामने आए इतने पॉजिटिव केस

यह इसी के आसपास बना हुआ था लेकिन पिछले तीन चार दिनों से अब पांच से छह सौ मामले पॉजिटिव आ रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार यह बढ़ोतरी ठंढ की वजह से हुई है. 

बिहार में फिर बढ़ने लगे कोरोना के मामले, पिछले 3-4 दिनों में सामने आए इतने पॉजिटिव केस.

पटना: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि ठंड बढ़ने से इसकी संख्या में कुछ बढ़ोतरी हुई है. एहतियात अब भी जरूरी है. अच्छी बात यह है कि राज्य सरकार वैक्सीन को लेकर आशान्वित है और इसके लिए अभी से प्रयास किये जा रहे हैं. 

शनिवार को स्वास्थ्य विभाग संबंधित कई दूसरे विभागों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर कोरोना संक्रमण दूर करने के टीकाकरण के उपाय पर रणनीति बनाएगी. 

बिहार में कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण का मामला अब नियंत्रण में है. राज्य भर में हो रहे जांच में पॉजिटिव आनेवाले संक्रमित व्यक्ति की संख्या अब सैकड़े में है. राज्य में मात्र 5703 संक्रमित मामले हैं. प्रतिदिन लगभग एक लाख तीस हज़ार जांच की जा रही है जिसमें 21 नवंबर को 262 पॉजिटिव मामले दर्ज किये गए. 

यह इसी के आसपास बना हुआ था लेकिन पिछले तीन चार दिनों से अब पांच से छह सौ मामले पॉजिटिव आ रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार यह बढ़ोतरी ठंढ की वजह से हुई है. 

स्टेट सर्विलांस ऑफिसर रागिनी मिश्रा के अनुसार राज्य सरकार के कॉल सेंटर में भी अब कोरोना को लेकर आने वाले फोन कॉल की संख्या में भारी कमी आयी है. पहले की तुलना में यह 80 फीसदी कम हो गयी है. यानी पहले यदि 100 व्यक्ति कोरोना संक्रमण को लेकर जानकारी और सुझाव के साथ चिकित्स्कीय सुविधा के लिए फोन करते थे. वह अब मात्र 20 हो गयी है. 

स्टेट सर्विलांस ऑफिसर रागिनी मिश्रा के अनुसार मार्च महीने से यानी लॉकडाउन की स्थिति के बाद से कॉल सेंटर में एक लाख 73 हज़ार 126 कॉल आये जो सिर्फ कोरोना संक्रमण से संबंधित थे और उन सभी कॉल को अटेंड कर उसका निष्पादन किया गया. जरुरी सलाह के साथ चिकित्स्कीय सुविधा भी बताई गयी. 

विशेषज्ञ चिकित्स्कों के द्वारा जो कॉल सेंटर में उपलब्ध होते हैं, लेकिन अब यह संख्या काफी कम गयी है. लोगों में जागरूकता भी आयी है. राज्य सरकार के स्वास्थ्य सम्बन्धी कॉल सेंटर में मार्च महीने से अब तक कुल 18 लाख से ज्यादा कॉल आये. 

राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर रिकवरी रेट 97 फीसदी से भी ज्यादा है. जबकि राज्य में बेड ऑक्यूपेंसी रेट एक फीसदी से भी कम है यानि हॉस्पिटल में जितने बेड की व्यवस्था की गयी है उसमे 99 फीसदी खाली है. इसकी बड़ी वजह अब ज्यादातर संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहना पसंद कर रहे हैं. 

वैक्सीन को लेकर पटना एम्स में भी तीसरे चरण के ट्रॉयल की शुरुआत गुरूवार को हो गयी है. जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है. अब टीकाकरण को लेकर राज्य सरकार आधारभूत व्यवस्था जुटाने में लगी है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि वैक्सीन को रखने के लिए यानी स्टोरेज की वयवस्था की जा रही है. पटना एम्स में भी तीसरे चरण का ट्रॉयल वैक्सीन को लेकर शुरू हो गया है. यह सफल हो जाता है या दूसरे किसी स्तर पर सफलता मिल जाती है तो आधारभूत संरचना तैयार रहने में सहज तरीके से सभी के पास यह पहुंच पायेगा. किसी तरह की असुविधा नहीं होगी. 

जो कमियां है स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन में या किसी दूसरे स्तर पर उसे दूर किया जा रहा है. 

शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव वैक्सीनेशन को लेकर विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर रहे हैं, जिसमें पंचायती राज,समाज कल्याण, नगर विकास विभाग, समेकित बाल विकास परियोजना, पशु एवं मतस्य विभाग, परिवहन विभाग, आयुष समिति, नेहरू युवा केंद्र, एनएसएस के साथ स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी भाग लेंगे. 

यानी अब कोरोना संक्रमण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की तैयारी है और इसको लेकर उच्च स्तरीय योजना बनायी गयी है. उसका क्रियान्वयन सही तरह से हो इसको लेकर बैठकों का दौर जारी है.