PK को कोर्ट से नहीं मिली राहत, अग्रिम जमानत याचिका पर इस दिन होगी सुनवाई
Advertisement

PK को कोर्ट से नहीं मिली राहत, अग्रिम जमानत याचिका पर इस दिन होगी सुनवाई

कोर्ट ने प्रशांत किशोर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 12 मार्च तक के लिए टल दी है. होली के बाद कोर्ट प्रशांत किशोर की जमानत याचिका पर फैसला लेगा.

चुनावी रणनीतिकार हैं प्रशांत किशोर. (फाइल फोटो)

पटना: 'बात बिहार की' अभियान के लिए कंटेंट चोरी का आरोप झेल रहे प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) को कोर्ट से राहत नहीं मिली. कोर्ट ने प्रशांत किशोर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 12 मार्च तक के लिए टल दी है. होली के बाद कोर्ट प्रशांत किशोर की जमानत याचिका पर फैसला लेगा. बता दें कि पटना के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-12 की कोर्ट में ये मामला चल रहा है.

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता शाश्वत गौतम की ओर से कंटेंट चोरी का आरोप लगाए जाने के बाद से प्रशांत किशोर लगातार सुर्खियों में हैं. मामले में प्रशांत किशोर की ओर से अग्रिम जमानत याचिका के लिए कोर्ट से अपील की गई थी, जिसमें दो सुनवाई हो चुकी हैं. लेकिन अभी तक प्रशांत किशोर की याचिका को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया है.

अब इस पर 12 मार्च को सुनवाई होगी, तब कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका को लेकर कोई फैसला आएगा. वहीं, कंटेंट चोरी का आरोप लगाने वाले शाश्वत गौतम शनिवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहे और उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर को किसी तरह की राहत अभी तक कोर्ट से नहीं मिली है. पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. अगर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहे, तो कर सकती है, क्योंकि कोर्ट ने उन्हें कोई फौरी राहत नहीं दी है.

वहीं, शाश्वत गौतम की ओर से प्रशांत किशोर पर जब कंटेंट चोरी का आरोप लगाया गया था, तभी से जेडीयू के पूर्व नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. शाश्वत गौतम का कहना है कि प्रशांत किशोर की ओर से अगर सार्वजनिक तौर पर खेद जताया जाता है, तो वह आगे की कार्रवाई नहीं करेंगे, लेकिन प्रशांत किशोर की ओर से शुरू में कहा गया था कि लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसा किया गया है.

बता दें कि शाश्वत गौतम लगातार प्रशांत किशोर को लेकर हमलावर हैं. उनका कहना है कि प्रशांत किशोर को अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी देनी चाहिए. उन्होंने उनकी शैक्षणिक योग्यता का पता लगाने के लिए बिहार के विश्वविद्यालयों, देशभर की आईआईटी और आईआईएम में 22 आरटीआई लगाई गई हैं, जिसमें उनकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में पूछा गया है.