Bhagalpur Police Line Murder Case: CB 38... पुलिस लाइन का यह क्वार्टर लोगों के लिए अब भी अबूझ पहेली बना हुआ है. एक हंसता खेलता परिवार यहां दफन हो गया. इस क्वार्टर की दीवारें, चौखटें, दरवाजे सब 12 अगस्त की उस रात के गवाह हैं, जब पंकज और नीतू का संसार तबाह हुआ था, लेकिन ये सब निर्जीव हैं. काश! इनमें जान होती तो उस रात का काला सच हमें पता चल पाता. पुलिस माथापच्ची कर रही है. हो सकता है कि कोई सुराग मिल जाए. यह भी हो सकता है कि कोई सुराग नहीं मिले तो महीनों या वर्षों बाद पुलिस इसमें क्लोजर रिपोर्ट लगा दे और यह बोल दे कि नो वन किल्ड....


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खैर, CB 38 क्वार्टर के आसपास रहने वाले परिवार डरे हुए हैं. इनसे पूछिए, डर क्या चीज होती है. लोग देर रात घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं. आसपास के इलाकों में दिन भर यही गॉसिप चल रहा होता है कि मर्डर कैसे हुआ, आखिर किसने मारा, आखिर किसकी नजर लग गई पंकज और नीतू के परिवार को... वगैरह.. वगैरह.


आसपास के इलाकों को तो छोड़िए, पूरे भागलपुर में आजकल यही चर्चा हो रही है. पंकज और नीतू की जिंदगी में सूरज की एंट्री को लोगों ने खलनायक की तरह पेश किया है. नुक्कड़ों पर हो रही बातचीत में खलनायक के रोल में सूरज आ गया है. लोग उसे लव ट्राएंगल में विलेन के रूप में देख रहे हैं. 


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पंकज और नीतू से लोग सहानुभूति दिखा रहे हैं लेकिन सूरज को लेकर लोगों को व्यवहार थोड़ा सख्त है. लोग सीधे सीधे कह रहे हैं कि सूरज की वजह से दोनों की जिंदगी में तबाही आई और सूरज ही इस बड़े वीभत्स वारदात का जिम्मेदार है.


जब से सूरज ने पुलिस के सामने यह स्वीकार किया है कि नवगछिया में पोस्टिंग के दौरान वह नीतू के नजदीक आया है और दार्जिलिंग में दोनों के बीच संबंध बने, तब से सूरज के लिए लानत मलानत और बढ़ गई है. लोग उसे मन भर कोस रहे हैं. 


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फिर भी लोगों के गले से यह नहीं उतर रहा है कि CB 38 में जो कुछ भी हुआ, उसके लिए अकेले सूरज ही जिम्मेदार है.