NEET Paper Leak Case: देशभर में नीट एग्जाम को लेकर बवाल जारी है. नीट पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस ने 19 गिरफ्तार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 14 लोग पटना से, 4 पूर्णिया से और 1 गोपालगंज से गिरफ्तार किए गए. सभी आरोपी अन्य परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा दे रहे थे. इस मामले में एक आरोपी का कबूलनामा भी सामने आया है. पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी आयुष ने पुलिस के सामने कबूल किया कि परीक्षा के दौरान सभी प्रश्न हू-ब-हू मिले थे. आरोपी ने बताया कि उसके साथ 20-25 अन्य परीक्षार्थी भी मौजूद थे, जिन्हें प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया था और रटाया गया था. इससे पहले बिहार पुलिस को जले हुए प्रश्न पत्र भी मिले थे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जले हुए प्रश्नपत्र मिलने को लेकर बिहार पुलिस का कहना है कि जो पेपर बिहार पुलिस ने बरामद किए हैं. अभी तक ये ही साफ नहीं हो पाया है कि क्या वो लीक पेपर था या नहीं, क्योंकि इसको लेकर NTA ने कोई जवाब नहीं दिया है. जांच में सामने आया था कि पेपर बिहार में मध्य प्रदेश और गुजरात से आया था. पुलिस ने बताया कि पेपर लीक मामले में सबसे पहले सिकंदर नाम के शख्स को पकड़ा था उसके बारे में उनको इनपुट मिला था. सिकंदर से पूछताछ के बाद अन्य आरोपियों तक पहुंचने का रास्ता क्लियर हुआ. 


ये भी पढ़ें- किसान अपने बैंक में जल्द करवा लें ये काम, अगर हुई देरी तो नहीं मिलेगी अगली किस्त


उधर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (14 जून) को अहम फैसला सुनाया. सर्वोच्च अदालत ने ग्रेस मार्क्स को रद्द कर दिया और दोबारा परीक्षा करवाने का विकल्प खोल दिया. हालांकि, सभी को दोबारा से परीक्षा देने का मौका नहीं मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट को NTA ने बताया कि 6 केंद्रों पर 1,563 छात्रों को समय का नुकसान हुआ. इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने याचिताकर्ताओं से कहा कि NTA ने आपकी बात मान ली है और वह ग्रेस मार्क्स को हटा रहे हैं. इन छात्रों को री-नीट एग्जाम में शामिल होने का विकल्प दिया गया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर छात्र दोबारा परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा. दोबारा परीक्षा सिर्फ वही छात्र दे सकेंगे, जिसका समय कम कर दिया गया था.


ये भी पढ़ें- KK Pathak News: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, शिक्षा विभाग से हटाए गए केके पाठक


वहीं छात्रों का कहना है कि NEET परीक्षा में शुरू से ही गड़बड़ी है. सुप्रीम कोर्ट ने भी परीक्षा को नहीं रोका. री-एग्जाम के फैसले के बाद छात्रों का गुस्सा और भी ज्यादा फूट रहा है. उनका कहना है कि एनटीए ने अपनी गलती छुपाने के लिए यह किया, इससे 23 लाख छात्रों का इंसाफ नहीं मिला है. छात्र सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बात की नाराजगी है कि अभी भी NTA ने धांधली के आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया है.