बांका: दबंगों ने इंदिरा आवास से किया बेदखल, सड़क पर रहने को मजबूर हुआ परिवार
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बांका: दबंगों ने इंदिरा आवास से किया बेदखल, सड़क पर रहने को मजबूर हुआ परिवार

फूलवती देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने की आस लगा बैठी हैं. उनका कहना है कि सरकार एक कट्ठा जमीन व आवास उपलब्ध करा दें. साथ ही बेटे का इलाज हो जाए तो हम गरीब परिवार का गुजर-बसर हो सकता है.

झोपड़ी में जिंदगी गुजार रहा है परिवार.

बांका: जिस पंचायत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली यात्रा पर प्रखंड के बसमाता पंचायत के लक्ष्मीपुर आ रहे हैं. इसी पंचायत के मुख्यालय फटा पाथर टोला दाउदनगर की फूलवती देवी (55 वर्ष) मात्र 5 डिसमिल जमीन पर इंदिरा आवास बनाकर रह रही थी. लेकिन सरकारी चापाकल का पानी पीने के विवाद को लेकर गांव के चौकीदार के सहयोग से गोतिया ने उसे इंदिरा आवास व 5 डिसमिल जमीन से बेदखल कर दिया.

जानकारी के मुताबिक, अब फुलवती देवी बगल के अश्वनी सिंह के जमीन पर झोपड़ी के सहारे बाल बच्चों के साथ जिंदगी गुजार रही हैं. बारिश, धूप, ठंड के मौसम में परिवारों की जिंदगी कैसे कटेगी इसको देखने वाला कोई अधिकारी व जनप्रतिनिधि सामने नहीं आ रहा है. जबकि फूलवती देवी प्रोन्नत मध्य विद्यालय फाटा पाथर में रसोईया का काम करती हैं.

इसी के सहारे 7 लोगों के परिवारों का गुजारा कर रही हैं. फुलवती देवी के पति रूपलाल तांती (60 वर्ष) पैर से दिव्यांग होकर भी कोलकाता में मजदूरी कर अपना इलाज करा रहे हैं. वहीं, फूलवती देवी का 30 साल का बेटा राजू जो देख नहीं सकता, उनकी तीन पोतियां और बहू उनके सहारे जिदंगी काट रही हैं. इन परिवारों को पीला कार्ड के अलावा कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है, जिससे ये काफी सदमे में हैं.

फूलवती देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने की आस लगा बैठी हैं. उनका कहना है कि सरकार एक कट्ठा जमीन व आवास उपलब्ध करा दें. साथ ही बेटे का इलाज हो जाए तो हम गरीब परिवार का गुजर-बसर हो सकता है.

उन्होंने कहा कि दूसरे की जमीन पर झोपड़ी बनाकर रह रही हूं. जब बारिश होती है तो पानी अंदर प्रवेश करता है, हवा आती है. तीन छोटी पोतियां हैं. इसके साथ ही सरकारी कोई लाभ प्राप्त नहीं है और न कोई देखने आया है. जबकि वह 5 डिसमिल जमीन के लिए कई बार जनता दरबार में आवेदन दे चुकी हैं. बावजूद किसी तरह का सुनवाई अब तक नहीं हो पाई है. 

फूलवती देवी ने कहा कि चौकीदार के सहारे हम परिवारो को घर व जमीन से बेदखल कर दिया गया. जो भी इंदिरा आवास मिला था एवं 5 डिसमिल जमीन पर चढ़ने नहीं दिया जाता है. अपने बाल बच्चों की जान जोखिम में डालकर दूसरे की जमीन पर टटिया से घेरकर झोपड़ी बनाकर मजदूरी कर गुजर बसर कर रही हूं.

वहीं, सीओ कटोरिया शशि भूषण कुमार ने कहा कि भूमिहीन महिला को सरकार द्वारा 3 डिसमिल जमीन देकर बसाया जा सकता है. क्योंकि सरकार का प्रावधान है भूमिहीन लोगों को 3 डिसमिल जमीन उपलब्ध कराने की.