बेगूसराय : बेगूसराय के अनाथ दो साल के धर्मराज को नए माता-पिता का साथ मिल गया है. अब अनाथ धर्मराज की स्वीडन में परवरिश होगी. दरअसल, अनाथालय में रहने वाले धर्मराज को उसके माता-पिता ने ठुकरा दिया था. दो साल का धर्मराज अनाथालय में रहने को मजबूर था. इस मासूम पर विदेशी दंपति की नजर पड़ी तो उन्होंने अनाथालय संचालक से बातकर धर्मराज को ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत डीएम कार्यालय पहुंचकर गोद लिया. धर्मराज के नए पिता एक बिजनेसमैन है और मां लाइब्रेरियन हैं. अब जल्द ही धर्मराज अपने नए माता - पिता के साथ स्वीडन के लिए रवाना हो जाएगा. जिला प्रशासन के अनुसार इस साल में 2 दिनों के अंदर विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान बेगूसराय से 4 अनाथ बच्चों को नया घर मिला है. जिसमें से एक बेगूसराय का धर्मराज भी शामिल है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विदेशी दंपति ने अनाथ धर्मराज को लिया गोद
बता दें कि धर्मराज बेगूसराय के आनाथालय में रह रहा था. उससे नए साल पर नया परिवार मिला है. दो वर्षीय धर्मराज को विदेशी दंपती बिजनेसमैन संजय डेनियल और कैटरीना संजय ओल्सेन ने डीएम रोशन कुशवाहा के हाथों गोद लिया है. दो वर्षीय धर्मराज की परवरिश अब स्वीडन में होगी. अब उनको वहीं पर नया स्कूल और माता-पिता का प्यार मिलेगा. 


माता-पिता के मिलते ही धर्मराज का खिला चेहरा
जिला समाहरणालय परिसर में विदेशी जोड़े के द्वारा धर्मराज को गोद लेने की बात सुनकर उसे देखने के लिए काफी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए थे. धर्मराज को गोद लेने के बाद विदेशी जोड़ा भी काफी खुश नजर आए. इधर, दो वर्षीय धर्मराज बहुत खुश है. अब धर्मराज नए परिवार के साथ अपने नए घर जाएगा. बता दें कि शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के एक दंपती ने 6 साल के साहिल और पटना के दो दंपती ने एक लड़की और एक दंपती ने एक लड़का को विधिवत गोद लिया गया है.


बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए गोद दिए जाते है बच्चे
डीएम रोशन कुशवाहा और विशेष दत्तक ग्रहण केंद्र की प्रभारी श्रुति कुमारी ने बताया कि सरकार ने गोद लेने की प्रक्रिया को सरल कर दिया है. विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रक्रिया कर बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए गोद दिया जाता है. साथ ही  गोद देने के बाद भी प्रशासनिक स्तर से लगातार बच्चों की मॉनिटरिंग की जाती है. जिससे यह पता चल सके कि बच्चों की परवरिश सही से हो रही है या नहीं. बता दें कि गोद लेने वाले दंपत्ति को कई प्रकार के नियम कानून होते है अगर सब ठीक होता है तो बच्चों को गोद दिया जाता है.


ये भी पढ़िए-  बिहार में भी अब बिजली होगी प्रीपेड, 2024 तक लगेंगे इतने स्मार्ट मीटर