सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले के परिहार प्रखंड अंतर्गत बथुआरा पंचायत के महादलित बस्ती दुबे टोला गांव में अशिक्षा का अंधेरा छटा है. महादलित बाहुल यह गांव शिक्षा के मामले में अब तक बहुत पीछे था. अब तक इस महादलित बस्ती की कोई भी बेटी इंटर की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई थी, लेकिन अब यहां बदलाव की बयार साफ दिख रही है. 


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बस्ती की पहली लड़की बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से गठित बाल समिति की सदस्य इंद्रा कुमारी इस वर्ष  इंटर की परीक्षा सीतामढ़ी स्थित परीक्षा केंद्र रघुनाथ झा कॉलेज में दे रही हैं. बृहस्पतिवार को जिला के एएसपी मनोज राम ने इंद्र से अपने कार्यालय कक्ष में मुलाकात कर डायरी कलम भेंट कर प्रोत्साहित किया. इस दौरान एएसपी ने इंद्र के अच्छे भविष्य को लेकर मार्गदर्शन कर शिक्षा के प्रति उनके लगाव को बढ़ाया एएसपी मनोज राम द्वारा प्रोत्साहन की इस पहल से इंद्रा कुमारी के जज्बे को और भी हिम्मत मिली हैं. 


विदित हो कि नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन के द्वारा दुबे टोला गांव में किए जा रहे सार्थक प्रयास व स्थानीय शिक्षक चंदन मांझी, बाल संरक्षण समिति के सहयोग ने गांव की लड़कियों को पढ़ लिखकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर शिक्षा का अलख जगाया है. इंद्रा कुमारी के पिता महेश मांझी तमिलनाडु में मजदूरी करते हैं. 


खास बात यह है कि इंद्रा कुमारी बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से गठित बाल समिति की सदस्य हैं. इंद्रा अपने गांव की लड़कियों को जागरूक कर परिवार के संग चिमनी भट्ठा पर काम करने जाने से रोकती हैं. बाल समिति की सदस्य इंद्रा को देखकर बस्ती के अन्य अभिभावक भी अब अपनी बच्चियों के शिक्षा के प्रति जागरूक होकर बच्चियों को पढ़ाने में जुट गए हैं. 


वहीं मौके पर पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन के सहायक प्रोजेक्ट अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी, शिव शंकर ठाकुर एवं कार्यालय के प्रवाचक श्याम कुमार उपस्थित थे.
इनपुट- त्रिपुरारी शरण


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