बेगूसराय : एक तरफ बिहार सरकार जहां बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था देने का दावा करती है वहीं दूसरी तरफ इसकी हकीकत कुछ और ही है. जी बिहार झारखण्ड की टीम ने अपने मुहीम के तहत आज बेगूसराय सदर अस्पताल की जो कभी सूबे के नंबर एक अस्पतालों में गिना जाता था उसकी पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली बात सामने आई.  पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ कि इस अस्पताल की हालत बदहाल है. इस अस्पताल में कई तरह की खामियां सामने आई है जो स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल रही है.


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कभी सूबे का नंबर एक सदर अस्पताल आज बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने में नाकाम
बेगूसराय का सदर अस्पताल जो कभी सूबे का नंबर एक सदर अस्पताल था. तकरीबन 30 लाख की आबादी को स्वास्थ सेवा प्रदान करने वाला यह अस्पताल आज लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने में नाकाम है. इस अस्पताल में प्रतिदिन 800 से 1000 लोग अपना इलाज कराने पहुंचती है पर आबादी के हिसाब से यहां ना तो सुविधाएं उपलब्ध है ना ही डॉक्टर और कर्मी और तो और यहां सुविधाओं का घोर आभाव है. यहां लोगों को समय पर स्ट्रेचर भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है ऐसी हालत में लोगों को मरीज को गोदी में उठाकर ले जाने पर विवश होना पड़ रहा है. 
 
मरीज बोले स्वास्थ सुविधा के नाम पर कुछ भी  उपलब्ध नहीं 
इस संबंध में अस्पताल के अंदर भर्ती मरीजों ने बताया कि यहां स्वास्थ सुविधा के नाम पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. मरीजों ने बताया कि कई घंटे खड़ा होने के बाद यहां मरीजों का पर्टा कटता है. वहीं कुछ अन्य मरीजों ने बताया सदर अस्पताल इलाज कराने के लिए आने के लिए लोगों को सोचना पड़ता है कि यहां पर्चा कटाने में ही कई घंटे का समय बीत जाता है. ऐसे मे जरूरी काम छूट जाता है.


बताते चलें कि इस अस्पताल में बेगूसराय ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के लोग भी बेहतर इलाज के लिए पहुंचते हैं. कुछ लोगों ने बताया कि मरीज कई दिनों से भर्ती है पर उसे ब्लड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वही कुछ लोगों ने बताया कि यहां साफ सफाई की कमी है.


बर्न वार्ड का हाल यहां सबसे खराब 
सदर अस्पताल में सबसे बुरा हाल बर्न वार्ड का है जहां दूरदराज के जले हुए मरीज बेहतर इलाज के लिए पहुंचते हैं. पर बर्न वार्ड की हालत को देखकर कहीं से भी ऐसा नहीं लगता कि यहां मरीज सुरक्षित रह सकते हैं. गंदगी के अंबार के बीच टूटा व्हील चेयर, खराब बिजली के बोर्ड, खराब AC यह बताने के लिए काफी है की यहां मरीज किस हाल में और कैसे सुरक्षित रह पाते होंगे. इस दौरान अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वहीं अस्पताल के परिसर में शुद्ध पेयजल मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. लोगों को बाहर से पानी लाने को मजबूर है.


वहीं समस्याओं के अंबार पर खड़े बेगूसराय सदर अस्पताल के उपाध्यक्ष विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि यहां की व्यवस्था काफी ठीक है. जिसकी वजह से सरकारी व्यवस्थाओं पर लोगों की आस्था बढ़ी है. वहीं उन्होंने बताया कि जगह के अभाव में कुछ कमियां है जिसे जल्द से जल्द ठीक कर लिया जायेगा. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सूबे के नंबर वन अस्पतालों में शुमार बेगूसराय का सदर अस्पताल में आज भी कई ऐसी कमियां हैं जिन्हें ठीक करने की जरूरत है, तभी सरकार यह दावा कर सकती है कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हुई है. 
(रिपोर्ट- जितेंद्र चौधरी)


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