Sawan Somvar 2024: दूसरी सोमवारी, बाबा मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, पटना का गौरी शंकर मंदिर भक्तों के जयकारों से गूंजा
Sawan Second Somvar: आज (29 जुलाई) को सावन की दूसरी सोमवारी है. दूसरी सोमवारी के दिन बाबा नगरी देवघर और राजधानी पटना के गौरी शंकर मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. इस सावन सावन के 5 सोमवार पड़ रहे है. जिससे भक्तों में काफी उत्साह है.
Sawan Second Somvar: आज सावन की दूसरी सोमवारी है. दूसरी सोमवारी के दिन बाबा नगरी देवघर और पटना के सबसे बड़े शिवालय खुसरुपुर स्थित बैकटपुर (बैंकुंठ धाम) के गौरी शंकर मंदिर में आस्था का जन शैलब उमड़ पड़ा. आज सभी जगहों के शिवालय में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई.
पटना का गौरी शंकर मंदिर श्रद्धालुओं के जयकारों से गूंजा
राजधानी पटना के सबसे बड़े शिवालय खुसरुपुर स्थित बैकटपुर (बैंकुंठ धाम) के गौरी शंकर मंदिर में भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई. जहां श्रद्धालु भगवान भोले शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए अहले सुबह से ही लाइन में खड़े हो कर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. वहीं हजारों की संख्या में श्रद्धालु अहले सुबह से ही मंदिर के पट खुलने और भोले नाथ के दर्शन करने के लिए मंदिर परिसर में इंतजार करते दिखे.
श्रद्धालु शिव लीग पर जलाभिषेक के लिए कतार में खड़े हो कर बोल बम के नारे लागते हुए नजर आए. इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग के साथ माता पार्वती भी जुड़ी हुई है. जिसके कारण खासकर महिलाएं इस मंदिर में सोमवार को पूजा करना लाभकारी मानती हैं. पुजारी की मानें तो आज इस मंदिर में 25 से 30 हजार श्रद्धालुओं के जलाभिषेक करने की उम्मीद है.
बाबा नगरी देवघर में उमड़ा आस्था का सैलाब
वहीं दूसरी सोमवारी के दिन बाबा नगरी देवघर में आस्था का जन शैलब उमड़ पड़ा. इस बार श्रावण में पहली बार इतनी संख्या में कांवड़िये पहुंचे. आज देर रात से ही भक्त कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते देखे गए. जिस मुताबिक भीड़ आ रही है. उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि दूसरी सोमवारी को डेढ़ लाख से ज्यादा कावड़िया जलार्पण करेंगे. दो दिनों से दूसरी सोमवारी की भीड़ से निपटने की तैयारियां चल रही थी. आज की भीड़ मंदिर से 5 किलोमीटर नंदन पहाड़ तक जा पहुंची.
इस सावन 5 सोमवार का संयोग
इस बार का सावन खास है. इस बार के सावन महीने में पांच सोमवारी का संयोग है. सोमवारी का अपना महत्व होता है. सोम चंद्रमा को कहते है और चन्द्रमा के ईश्वर देवादिदेव महादेव है और उनके सिर पर भी चंद्रमा विराजमान है. लिहाजा सोमवारी काफी फलदायी होती है. इसी वजह से शिव को सोमेश्वर कहते है. दूसरी तरफ सोमवार को ही लिंग का आविर्भाव हुआ था. कथाओं में यह भी वर्णित है कि गंगा का पृथ्वी पर पदार्पण भी सावन के सोमवारी को ही हुआ था. इसी वजह से सोमवारी को उत्तम दिन माना जाता है.
सावन के महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और हर सोमवारी को एक सबसे कीमती वस्तु निकली थी और ये सभी वस्तुएं जगत के कल्याण के लिए निकली थी. सावन की दूसरी सोमवारी को कौस्तुभ मणि की उत्पत्ति हुई थी. इस बार के सावन में चंद्र और सूर्य मास के अनुसार भी पांच सोमवारी पड़ रही है जो काफी संजोग के बाद मिली है. इस मास में भोले की पूजन और अभिषेक से भक्तों को धन्य धान्य की प्राप्ति होगी, साथ ही इस बार वर्षा भी अच्छी होगी.
इनपुट- पटना से प्रवीण कांत और देवघर से विकास राऊत की खबर
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