Jharkhand News: सऊदी अरब में फंसे झारखंड के 45 मजदूरों का खाना-पीना समाप्त हो गया है. उन लोगों ने वीडियो भेजकर फिर से सरकार से मदद की गुहार लगाई है. ये मजूदर बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग के रहने वाले हैं. मजूदरों ने वीडियो बनाकर बताया कि कंपनी ने किचन का दरवाजा में ताला लगा दिया है. सरकार से हमारी गुहार की बस हमें बचा लीजिए.


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मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई
बता दें कि भारतीय दूतावास ने तीन दिनों के लिए उन्हें खाना-पीना उपलब्ध कराया था. मजदूर कॉमर्शियल टेक्नोलॉजी के ट्रांसमिशन लाइन में काम करने कॉन्ट्रैक्ट पर सऊदी अरब गये थे. इसके एवज में काम के बदले लाइनमैन को 1500 रियाल, हेल्पर को 1100 रियाल के अलावा ओवरटाइम के लिए 750 रियाल और खाने-पीने के लिए अलग से 300 रियाल देने का आश्वासन मिला था. मगर सात महीना काम करवाकर कंपनी ने मात्र दो महीने की मजदूरी का भुगतान किया. बाकी भुगतान के लिए टालमटोल रवैया अपना रही है. इसके बाद मजदूरों ने हड़ताल ने कर दी तो कंपनी ने उन्हें खाना-पीना देना बंद कर दिया है, जिसे लेकर सऊदी अरब में फंसे मजदूरों ने तीसरा वीडियो बनाकर सरकार से मदद की गुहार लगाई है.


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11 मई 2023 को सभी लोग गए थे सऊदी अरब
इससे पहले इन मजदूरों ने बताया कि पिछले 11 मई 2023 को मोबाइल टॉवर खड़े करने वाली कमर्शियल टेक्नोलॉजी पल्स नामक कंपनी में काम करने के लिए सऊदी अरब गये थे. उन्होंने वीडियो में बताया कि हम लोग 55 हजार रुपये कमीशन देकर यहां आए थे. भारत से सऊदी अरब ले जाते समय हमारे साथ एग्रीमेंट किया गया था. हम लोगों को इसी तहत काम करना था. लेकिन यहां आने के बाद हमें पैसे कम दिए जा रहे थे. जब हमने मांग की तो जेल में डालने की धमकी दी जाती है.


रिपोर्ट: मृत्युंजय मिश्रा


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