धनबाद:Jharkhand Monsoon: झारखंड में मानसून की एंट्री के बाद भी धनबाद के लोगों को गर्मी और उमस से राहत नहीं मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ औसत से 76 फीसद कम हुई बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. जिसके बाद अब सभी की निगाहें सरकार द्वारा मिलने वाले मुआवजे पर टिकी है.


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76 फीसद कम बारिश 
बारिश कम होने के कारण किसानों के अलावा महिलाओं की परेशानी भी कम नहीं है. कुदरत की बेरुखी और परिवार पालने की चिंता इन्हें सताए जा रही है. बारिश नहीं होने की वजह से इनके खेत सुने पड़े है. पानी की कमी के चलते खेतों में दरार पड़ गई है. धनबाद जिले में इस बार अनुमान से 76 फीसद कम बारिश हुई है. जिसके चलते किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लगभग पचास फीसदी से ज्यादा बिचड़े खेतों में सुख चुके हैं. जुलाई के इस अंतिम सप्ताह में जहां धनरोपनी होनी थी, वहां इस बार खेत वीरान पड़े हैं. ऐसे में मजबूर किसान अब सरकार से मदद की फरियाद लगा रहे हैं.


सुखाड़ की चपेट में होगा धनबाद
मौसम की बेरुखी ने राज्य सरकार को भी हरकत में ला दिया है. सूखे के खतरे को देखते हुए सरकारी अमला नुकसान के आकलन में जुट चुका है. जिले में अगर अगले 5 दिनों के भीतर मूसलाधार बारिश हुई तो किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, लेकिन अभी तक बरसात में हुई देरी से फसल का बड़ा नुकसान तय माना जा रहा है. सरकारी कोशिश है कि सूखाग्रस्त घोषित होने पर किसानों को उचित मुआवजा दिया जा सके. 


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डोभा का निर्माण सिर्फ कागजों में
बता दें कि धनबाद में न तो सिंचाई के लिए कोई नहर है और न ही नदी तालाब में भरपूर पानी. डोभा का निर्माण भी सिर्फ कागजों में ही हुआ है. ऐसे में यहां के किसान खेती के लिए पूरी तरह मानसून की बारिश पर ही निर्भर रहते हैं. लेकिन इस बार मौसम की बेरुखी ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया है.  ऐसे में बेहतर यही होगा कि सरकार जल्द ही नुकसान का आकलन कर किसानों को राहत पहुंचाए.