झारखंड: विस्थापितों का BSL के खिलाफ प्रदर्शन जारी, प्रबंधन से की यह मांग...
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झारखंड: विस्थापितों का BSL के खिलाफ प्रदर्शन जारी, प्रबंधन से की यह मांग...

विस्थापित का कहना है कि हम कुकुर कुंडली आंदोलन करने के लिए पहुंचे हैं. लड़ाई 3 दिनों तक चलेगी और इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में विस्थापित है. 

विस्थापितों का BSL के खिलाफ प्रदर्शन जारी है.

मृत्युंजय मिश्रा/बोकारो: झारखंड के बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) में नियोजन की मांग को लेकर विस्थापितों द्वारा गुरुवार को आंदोलन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में कुंडोरी और बालीडी के विस्थापित के साथ-साथ उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र के विस्थापित भी बोकारो स्टील प्लांट के प्रशासनिक भवन के सामने आंदोलन करने के लिए पहुंचे.

विस्थापितों का जत्था नया मोड़ होते हुए बीएसएल के प्रशासनिक भवन की ओर घेराव करने के लिए बढ़ा. लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोकने का प्रयास किया. इस दौरान विस्थापितों और पुलिस के बीच अफरा-तफरी देखने को मिली और विस्थापित दौड़ लगाते हुए बोकारो स्टील प्लांट के प्रशासनिक भवन तक पहुंचना चाह रहे थे, जिसे बोकारो स्टील प्लांट के प्रशासनिक भवन से कुछ कदम की दूरी पर पहले से बैरिकेडिंग लगाए पुलिस द्वारा रोक दिया गया.

दरअसल, विस्थापित बोकारो स्टील प्लांट के प्रशासनिक भवन में ताला जड़ना चाह रहे थे. लेकिन कुछ दूर के बाद ही बोकारो जिला प्रशासन ने विस्थापितों को बैरिकेडिंग के जरिए रोक दिया. इस दौरान सिटी डीएसपी और सिटी थाना के इंस्पेक्टर पुलिस दलबल के साथ मौजूद थे.

वहीं, विस्थापित का कहना है कि हम कुकुर कुंडली आंदोलन करने के लिए पहुंचे हैं. लड़ाई 3 दिनों तक चलेगी और इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में विस्थापित है. विस्थापितों को बोकारो स्टील प्रबंधन बार-बार छलावा कर रही है और तृतीय और चतुर्थ वर्ग जो विस्थापितों के लिए आरक्षित था, उसमें अप्रेंटिस और आईटीआई मांग कर विस्थापितों को नियोजन से दूर रखने का साजिश कर रही है. जिसे विस्थापित कभी चलने नहीं देगा.

उन्होंने कहा कि बोकारो स्टील प्रबंधन आंदोलन के बाद विस्थापितों को नियोजन का आश्वासन तो देती है लेकिन अब तक नियोजन की प्रक्रिया को विस्थापितों के लिए चालू नहीं किया गया है. ऐसे में विस्थापित आंदोलन करने के लिए बाध्य हैं. वहीं, अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत विस्थापितों का आंदोलन लगातार देखने को मिल रहा है और बोकारो जिला प्रशासन भी जिले की विधि व्यवस्था को संभालने में लगा हुआ है. 

यहां विस्थापितों और प्रबंधन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता होती है. लेकिन वार्ता के बाद जैसे-जैसे समय बीतता है तो इसका कोई प्रतिफल नहीं निकलता है. ऐसे में आंदोलन देखने को मिलता है. बोकारो में विस्थापित आंदोलन को देखते हुए गुरुवार को पुलिस ने चाक-चौबंद व्यवस्था की थी. वहीं, बोकारो के सिटी डीएसपी ने कहा की विधि-व्यवस्था का ख्याल रखना हमारा दायित्व है. बाकी विस्थापितों के साथ जो वार्ता होगी, वह विस्थापित और बीएसएल के बीच का मामला है.