मोतिहारी: Motihari News: बिहार के मोतिहारी के जिला श्रम कार्यालय कुछ वर्ष पहले तक बाल मजदूर, बंधुआ मजदूर को मुक्त करवाने के लिए चर्चा में रहता था. ईंट भट्ठा हो या दुकान या फिर ट्रेन हर तरफ श्रम विभाग की पैनी नजर रहती थी, लोग भी इन उपलब्धियों को देखकर बाग बाग हो रहे थे. इन उपलब्धियों के नीचे करप्ट सिस्टम एक खेल भी खेल रहा था. लाख नहीं करोड़ों की गबन और घोटाला की एक अलग दुनिया भी श्रम विभाग में चल रहा था. ज़ी मीडिया के पास जो कागजात है उसके हिसाब से मोतिहारी के श्रम कार्यालय में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. सरकार योजना लाती है जरुरतमंदों तक मदद पहुँचाने के लिए पर भ्रष्ट अधिकारियों और दलालों के गठजोड़ असली लाभुक के बजाए फर्जी लाभुक के नाम पर करोड़ों का बंदरबांट कर लेते है.


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ऐसा ही मोतिहारी के श्रम कार्यालय में हुआ है जहां मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में गजब का घोटाला हुआ है. मोतिहारी के कोटवा प्रखंड में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में फर्जी भुगतान के कई सबूत मिले है. अगर विभाग द्वारा जांच की जाए तो यह घोटाला करोड़ों में जा सकता है. बता दें कि मोतिहारी सहित पूरे बिहार में श्रम विभाग के द्वारा निर्माण कार्य से जुड़े लोगों का लेबर कार्ड बनाया जाता है. उसी लेबर कार्ड के तहत श्रम विभाग में निबंधित मजदूरों की एक्सीडेंटल डेथ पर 40 हजार रुपए, नेचुरल डेथ पर 20 हजार रुपये और दो बेटियों की शादी के लिए श्रम विभाग के तहत 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है. 


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अब मोतिहारी में कई प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी इसी का लाभ उठाते हुए लाभुक के साथ मिलकर 50% के मोटी कमीशन पर इसका लाभ बिना जरूरतमंद को अथवा बिना सही जांच किए भी दे देते है. मोतिहारी के कोटवा प्रखंड में कई मामले सामने आए है. ग्राम महुआ पोस्ट मच्छर गांवा प्रखंड कोटवा निवासी गुड्डू शर्मा ने अपनी बेटी के शादी में श्रम विभाग से 50000 का अनुदान लिया है, लेकिन उनके आवेदन में साफ लिखा है कि उसकी पत्नी की उम्र वर्तमान में 21 साल है, फिर क्या यह संभव है कि 21 साल की महिला, 18 साल की बेटी की मां हो सकती है? 


ग्राम कररिया प्रखंड कोटवा निवासी स्व सुनील कुशवाहा की पत्नी उषा देवी ने अंचल कार्यालय के द्वारा जारी अपने वंशावली में जानकारी दिया है कि उनको बेटी नहीं है सिर्फ चार पुत्र ही है फिर उनको श्रम विभाग बेटी की शादी के लिए 50000 का अनुदान दे दिया. 


ग्राम पुरानीडीह प्रखंड कोटवा निवासी राजकुमार शर्मा ने भी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत श्रम विभाग से 50000 का अनुदान प्राप्त किया है लेकिन इनके आवेदन में भी उनकी पत्नी सुनीता देवी की उम्र सिर्फ 25 साल ही हैं. यानी 25 साल की महिला 18 साल की बेटी की मां बन गई? सूत्रों की मानें तो केवल कोटवा प्रखंड में ही 1000 से अधिक फर्जी लाभुकों के बीच मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का फर्जी भुगतान किया गया है. जबकि हरसिद्धि प्रखंड के सिर्फ एक पंचायत मानिकपुर हसुआहा में करीब 400 लोगों को अनुदान मिला है. जिसमें अगर जांच हो तो अधिकतर फर्जी निकल जाएगा. 


अब सवाल उठता है कि 25 और 21 वर्ष की मां के कथित पुत्रियों की कथित शादी में शामिल होकर मिठाई खाने वाला मोतिहारी का जिला श्रम कार्यालय इसकी जांच करवाना चाहेगा? यह सवाल इसलिए भी की मिठाई का का वजन कुछ ज्यादा है और जो किसी एक या दो ने नहीं खाया होगा. ऐसे में मोतिहारी के श्रम विभाग से जांच की उम्मीद करना थोड़ा अटपटा सा है, ऐसा इसलिए भी की 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे जिला श्रम अधीक्षक अनिल कुमार सिंह का दावा है कि कही कोई गलती नहीं हुई है. 


कोटवा के तीन लोगों से पैसा रिकवरी हो गया है पर श्रम अधीक्षक तीनों में से एक का भी नाम नहीं बता सके. आगे श्रम अधीक्षक बोला कि एक आवेदन दें दीजिए कारवाई के सात एफआईआर भी होंगी. अब श्रम अधीक्षक को कौन बताए पत्रकार पक्षकार नहीं होता, पत्रकार तो आईना दिखता है. अब सवाल उठता है कि क्या मोतिहारी के जिलाधिकारी इसकी जांच कर घोटाला पर नकेल कसना चाहेंगे? इस पर सभी की नजर टिकी हुई है.
इनपुट- पंकज कुमार 


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