Raxaul: खाने पीने और मनोरंजन के बाजार और मेला तो आपने बहुत देखा होगा. लेकिन आज इस ऑर्टिकल में हम आपको चुनाव आचार संहिता के बीच नोटों का मेला दिखायेंगे. दरअसल, लोकसभा चुनाव को पारदर्शी, शांति और भयमुक्त कराने के लिए पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू है. इस नियम के तहत 50 हजार से अधिक कैश को साथ लेकर चलने के लिए आपको वैध कारण बताना होगा. इनकम टैक्स विभाग से सामना भी करना पर सकता है. पैसे का हिसाब किताब बताना होगा, लेकिन मोतिहारी के रक्सौल से जो खबर सामने आई है, उसने चुनाव आयोग के अचार संहिता, नियम और दावे का पालन करवाने में असफल मोतिहारी प्रशासन की पोल खोल दी है.


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मिली जानकारी के अनुसार, रक्सौल में हजार और लाखों का नहीं बल्कि करोड़ों रुपए में देशी-विदेशी नोटों का मेला लगता है. इस नोटों के मेले में भारतीय करेंसी के साथ नेपाली करेंसी की अदला बदली की जाती है. ये मेला दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे तक, जब तक बॉर्डर खुला रहता है तब तक चलता रहता है. सीमावर्ती शहर रक्सौल में नोटों के मेला यानी सटही काउंटर का आदर्श आचार संहिता के बावजूद रक्सौल में खुलेआम नोटों का मेला लग रहा है.


व्यवसाई और समाजसेवी रंजीत सिंह ने बताया कि ये नोटों का काउंटर चोरी छिपे एक दो नहीं बल्कि बाटा चौक से मैत्री पुल तक करीब 300 मीटर तक रेलवे फाटक के दोनों तरफ लगभग 42 नोट का खुलेआम काउंटर लगते है. इस नोट के मेला में 5 प्रतिशत से 8 प्रतिशत कमीशन लेकर नेपाली करेंसी के बदले भारतीय नोट में बदलने का अवैध कारोबार होता है. 


उन्होंने कहा कि नेपाली रुपया बदलने के इस अवैध दुकानों की वजह से सरकार को रोज लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. स्थानीय जानकारों की मानें तो रुपया एक्सचेंज का खेल हर दिन करीब 3 से 5 करोड़ रुपए का खुलेआम होता है. इन पैसों का कोई हिसाब किताब नहीं है. इनको न पुलिस रोकती है और ना ही कोई टैक्स डिपार्टमेंट. नतीजा यह है कि आदर्श चुनाव संहिता लगने के बावजूद नोट बदलने का अवैध कारोबार बदस्तूर कायम है.


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नोट से इस काले कारोबार पर डीएम सौरभ जोरवाल ने बन्द करने का निर्देश दे दिया है. मोतिहारी के एसपी कान्तेस मिश्रा ने टीम बनाकर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में रुपया के अवैध दुकानों पर जल्द कारवाई करने का भरोसा दिया है. 


मोतिहारी से पंकज कुमार की रिपोर्ट


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