Motihari News: बिहार के मोतिहारी में एक अनोखा मामला सामने आया हैं. यहां की हरसिद्धि थाना पुलिस ने एक ही मामले में दो FIR दर्ज कर ली. आवेदक अप्पू कुमार यादव के आवेदन पर पुलिस ने 2 महीने में दो FIR दर्ज कर लीं. दोनों एफआईआर में आवेदक का एक ही नाम अप्पू और मोबाइल नंबर 9709620638 दर्ज है. पहली एफआईआर संख्या 232/24 दिनांक 29-4-24 को और दूसरी एफआईआर संख्या 371/24 दिनांक 30-6-24 को हरसिद्धि थाना में दर्ज हुई. थानाध्यक्ष ने पहली FIR में सब-इंस्पेक्टर विभा भारती को  जांच अधिकारी बनाया, तो दूसरी एफआईआर के आईओ उगन पासवान को बना दिया. शायद मोतिहारी ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में पहली बार ऐसी घटना सामने आई है.


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यहां पर एक ही मामले में एक ही आवेदक के आवेदन पर दो एफआईआर दर्ज हो गईं और दोनों एफआईआर पर बाकायदा दो आईओ अपनी-अपनी जांच भी कर रहे है. एक आईओ 4 महीने से तो दूसरा आईओ करीब 2 महीने से अपनी चांज कर रहे है. अब इसको आप इस तरह से समझिए जब कोई आवेदन थाना में जाता है, तो थानाध्यक्ष एफआईआर दर्ज करते हुए उसपर आईओ का नाम लिखते हैं. फिर आईओ उस मामले की जांच और अपराधियों की गिरफ्तारी में लग जाते है. केस के आईओ को रोज केस डायरी में चांज की प्रगति भी लिखनी होती है. यानी एक ही मामले में दो आईओ हर रोज अपनी अलग-अलग केस डायरी लिखते रहे, पर थानाध्यक्ष को इसकी जानकारी तक नहीं हुई. 


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सबसे ताज्जुब और हैरान करने वाली बात यह भी है कि जिसके आवेदन पर दो एफआईआर दर्ज हुई हैं, वो स्पन्दना बैंक का लोन ऑफिसर बनकर काम करता था और अब वो 14 लूट कांडों का सरगना निकला. अब अगर हरसिद्धि थाना लुटेरों के सरगना अप्पू कुमार यादव पर इतनी मेहरबानी नहीं करती तो संभव था लूट कांड होने से बच जाता. अब इसे आप क्या कहेंगे हरसिद्धि थाना की लापरवाही या फिर लुटेरों के सरगना के साथ प्रेम मोहब्बत यह तो आप जाने पर इतना तो साफ है पुलिस की ऐसी कार्यशैली से कानून का मखौल उड़ता है.


रिपोर्ट- पंकज कुमार